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लाहुल के आलू बीज की बिक्री पर हटेगी रोक

हिमाचल के लाहुल के बीज आलू पर जल्द प्रतिबंध हटेगा। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने यह आश्वासन दिया है।

By Edited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 08:11 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 03:01 AM (IST)
लाहुल के आलू बीज की बिक्री पर हटेगी रोक
लाहुल के आलू बीज की बिक्री पर हटेगी रोक

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने आलू में निमेटोड न पाए जाने पर भी हिमाचल के लाहुल, ऊना और शिमला के शिलारु के आलू बीज की अन्य राज्यों व विदेश में बिक्री पर रोक लगाई है। यह खुलासा केंद्रीय कृषि मंत्रालय और हिमाचल के प्रधान कीट वैज्ञानिक की रिपोर्ट से हुआ है। केंद्र के अधिकारियों ने अपनी गलती मानकर लाहुल के आलू बीज की बिक्री पर रोक जल्द हटाने का आश्वासन दिया है।

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नई दिल्ली में सोमवार को कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय और हिमाचल प्रदेश बीज प्रमाणीकरण एवं आर्गेनिक उत्पादन अभिकरण के निदेशक डॉ. संजय मरवाह ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल व संयुक्त सचिव डॉ. बी राजेंद्र से मुलाकात कर सभी तथ्य रखे। रामलाल मार्कंडेय ने बताया कि लाहुल के आलू बीज पर लगी रोक दो दिन में हटा दी जाएगी। इस संबंध में अधिसूचना जारी होगी। वहीं, बीते तीन साल के दौरान लाहुल में आलू बीज के कुल उत्पादन में से मात्र 14 हजार क्विंटल ही हिमाचल में बेचा गया है।

बाकी आलू की अन्य राज्यों व विदेश में बिक्री हुई है। डॉ. चंदेल ने छह साल किया निमेटोड पर शोध चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के प्रधान कीट वैज्ञानिक डॉ. वाईएस चंदेल ने वर्ष 2012 से 2018 तक केंद्र के प्रोजेक्ट के तहत आलू में निमेटोड पर शोध किया। इसकी रिपोर्ट केंद्रीय कृषि मंत्रालय को दी गई जिसमें बताया गया कि लाहुल से आलू के 27 सैंपल लिए गए। किसी भी सैंपल में निमेटोड नहीं पाया गया है। शिमला के शिलारु व ऊना में भी निमेटोड नहीं मिला। प्रदेश सरकार के 13 आलू बीज उत्पादन फार्मो सहित किसानों के आलू बीज फार्मो से निमेटोड के सैंपल लिए गए। इनमें से प्रदेश के नौ सरकारी आलू बीज उत्पादन फार्मो व किसानों की निजी आलू बीज नर्सरियों में निमेटोड पाया गया। खरीफ की आलू फसल में मिला निमेटोड हिमाचल में आलू की तीन फसलें उगाई जाती हैं। अप्रैल में खरीफ के साथ आलू की बुआई की जाती है जिसमें निमेटोड पाया गया है। सितंबर के बाद दिसंबर व जनवरी में आलू की बुआई होती है। इन दोनों फसलों में निमेटोड नहीं मिला है। छह वर्षो के दौरान शिमला, सिरमौर, चंबा कांगड़ा, मंडी, कुल्लू व लाहुल से सैंपल लिए गए। क्या है निमेटोड निमेटोड (सूत्रकृमि) को केवल माइक्रोस्कोप की मदद से देखा जाता है। इसकी पुट्टी सुनहरी पीले रंग की होती है। एक मादा सूत्रकृमि 350 तक अंडे देती है। ऐसे में इनकी संख्या बहुत जल्द करोड़ों में हो जाती है। इससे पूर्व हिमाचली आलू में निमेटोड नहीं पाया गया है। निमेटोड आलू की जड़ों को प्रभावित करता है जिससे आलू का उत्पादन कम होता है। निमेटोड से ग्रसित आलू खाने से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव नहीं होता है।

निमोटड का उपचार

-जिस खेत में पहले आलू लगे हैं, उसमें कम से कम दो से तीन वर्ष तक आलू न लगाएं।

-फसल चक्र यानी बदल-बदल कर फसल लगाएं।

-मिट्टी की जांच करवाकर उसका उपचार करें।

-आलू बीज को धो लें ताकि मिट्टी बिलकुल न रहे। लाहुल में आलू बीज का उत्पादन वर्ष,उत्पादन क्विंटल में 2015,78,758 2016,80,328 2017,51,614 (उत्पादन क्विंटल में) खतरनाक है आलू की साल में तीन फसलें उगाना वर्ष 2012 से आलू में निमेटोड पर शोध शुरू हुआ। लाहुल, शिमला के शिलारु और ऊना को छोड़ बाकी जगह निमेटोड मिला है। लोग आलू की साल में तीन फसलें उगा रहे हैं जो निमेटोड को फैलाने के लिए सबसे खतरनाक है। बाकी किसी फसल में निमेडोड नहीं देखा गया है।

-डा. वाईएस चंदेल, शोधकर्ता, निमेटोड प्रोजेक्ट व सेवानिवृत्त प्रधान कीट वैज्ञानिक, कृषि विवि पालमपुर


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