कीचड़ में तबदील बड़ियारा-ढाकगांव सड़क
बड़ियारा-ढाकगांव सड़क की हालत दयनीय होने से बागवानों को सेब की फसल मंडियों तक पहुंचाने की चिंता सता रही है।
सूरत-ए-हाल
करोडों खर्च करने के बाद भी नहीं सुधरी सड़क की हालत
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बागवानों को सेब की फसल मंडियों तक पहुंचाने की सता रही चिता, अधिशाषी अभियंता से उठाई सड़क की हालत सुधारने की मांग
जितेंद्र मेहता, रोहडू
उपमंडल रोहडू के तहत 15 साल पहले बनी 12 किलोमीटर बड़ियारा-ढाकगांव सड़क की हालत दयनीय हो गई है। इससे करीब दो हजार बागवानों को हर सेब सीजन में परेशानी का सामना करना पड़ता है। विभाग इस सड़क पर अब तक करीब 10 करोड़ रुपये खर्च चुका है। इस सड़क पर ढाक गांव तक केवल 2015 में ही बस पहुंच पाई है। इसके बाद से सरकारी बस दो किलोमीटर पीछे खरोट तक ही जा रही है।
स्थानीय लोगों ने कई बार विभाग से सड़क की मरम्मत करने की गुहार लगाई लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। इस बार भी सड़क की हालत खस्ता होने से बागवानों को सेब की फसल मंडियों तक पहुंचाने की चिता सता रही है। लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांग अधिशाषी अभियंता रोहडू के समक्ष रखी है। प्रतिनिधिमंडल में पृथ्वी राज चौहान, माधो सिंह रावत, हाकम चंद रावत, सतपाल चौहान, परमेश्वर सिंह रावत, सुरेश झामटा, किरपा राम रावत व कपिल चौहान शामिल रहे।
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बडियारा से ढाकगांव तक 12 किलोमीटर सड़क की जल्द मरम्मत करवा दी जाएगी।
-पवन गर्ग, अधिशाषी अभियंता, लोक निर्माण विभाग रोहडू