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Baby bottle feeding Prevention: बोतल में दूध पिलाने से सड़ रहे दांत, ऐसे करें बच्चों के दांतों की देखभाल

bottle feeding. हिमाचल में करीब 70 फीसद बच्चों के दूध के दांत खराब हो रहे हैं। यह खुलासा डेंटल कॉलेज शिमला के पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग के सर्वेक्षण में हुआ है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 07:11 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 10:18 AM (IST)
Baby bottle feeding Prevention: बोतल में दूध पिलाने से सड़ रहे दांत, ऐसे करें बच्चों के दांतों की देखभाल
Baby bottle feeding Prevention: बोतल में दूध पिलाने से सड़ रहे दांत, ऐसे करें बच्चों के दांतों की देखभाल

शिमला, रामेश्वरी ठाकुर। नवजात शिशुओं को बोतल की बजाय चम्मच से दूध पिलाना चाहिए। लंबे समय तक बच्चों के मुंह में दूध की बोतल रखने से उनके दांत सड़ने शुरू हो जाते हैं। इस कारण बच्चों के दूध वाले दांत समय से पहले ही टूट जाते हैं। नए दांत आने में समय लगता है और इससे बच्चों का पाचन तंत्र भी प्रभावित होता है।

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हिमाचल में करीब 70 फीसद बच्चों के दूध के दांत खराब हो रहे हैं। यह खुलासा डेंटल कॉलेज शिमला के पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग के सर्वेक्षण में हुआ है। यह सर्वेक्षण छह साल पहले शुरू हुआ था। इसके अनुसार ग्रामीण सहित शहरी इलाकों में अभिभावक नवजात शिशुओं के दांतों की देखभाल के प्रति जागरूक नहीं हैं। कामकाजी महिलाएं अधिकतर दो से तीन महीने के नवजात को बोतल से दूध पिलाना शुरू कर देती हैं। कई बार रात को दूध की बोतल मुंह में रखकर बच्चे को सुला दिया जाता है। ग्रामीण इलाकों की कई महिलाएं भी ऐसा करती हैं। ऐसा करना बच्चे के स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है।

अंगुली से साफ करें जबड़ा

डेंटल कॉलेज शिमला के पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनय भारद्वाज ने बताया कि बच्चे के जन्म से ही उसके मुंह का ख्याल रखना शुरू कर देना चाहिए। दांतों के ऊपर व नीचे के जबड़ों में नर्म कपड़े को अंगुली में लपेटकर साफ करना चाहिए। जन्म के छह माह के बाद बच्चों में दांत निकलना शुरू हो जाते हैं। उस दौरान दांतों की सफाई नर्म ब्रश व पानी के साथ शुरू कर दें। जन्म के बाद सात साल तक अभिभावक अपनी निगरानी में बच्चों से ब्रश करवाएं। नर्म टूथब्रश पर मटर के दाने के बराबर टूथपेस्ट लगाकर तीन मिनट तक ब्रश करवाएं।

ऐसे करें बच्चों के दांतों की देखभाल

-दिन में दो बार ब्रश करवाएं।

-रेशेदार फल व सब्जियों का अधिक सेवन करवाएं।

-छह महीने में एक बार प्रशिक्षित डेंटिस्ट से चेकअप करवाएं।

-चिपचिपे खाद्य पदार्थ दांतों की सतह से आसानी से साफ नहीं होते हैं। खाने के छोटे कण दांतों में फंसकर एसिड बनाते हैं। यह एसिड दांतों की कठोर परत को खत्म कर सड़न रोग पैदा करता है। इसलिए कुछ भी खाने के बाद बच्चों से कुल्ला अवश्य करवाना चाहिए। 

खास बातें

-हिमाचल में 70 फीसद बच्चों के दूध के दांत खराब हो रहे

-पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग के सर्वेक्षण में हुआ खुलासा

-नवजात शिशुओं के दांतों की देखभाल के प्रति जागरूक नहीं अभिभावक

-सही नहीं दूध की बोतल मुंह में रखकर बच्चे को सुलाना

-हिमाचल में 70 फीसद बच्चों के दूध के दांत खराब हो रहे

-पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग के सर्वेक्षण में हुआ खुलासा

-नवजात शिशुओं के दांतों की देखभाल के प्रति जागरूक नहीं अभिभावक

-सही नहीं दूध की बोतल मुंह में रखकर बच्चे को सुलाना

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