हिमाचल में जय राम देव, बाबा को 93 बीघा जमीन 2.39 करोड़ में देने को मंजूरी
baba ramdev will get land in Himachal Pradesh. भाजपा सरकार की मेहरबानी से योगगुरू रामदेव को 93 बीघा जमीन 12 करोड़ के स्थान पर दो करोड़ 39 लाख 4,720 रुपये में देने को मंजूरी।
शिमला, राज्य ब्यूरो। भाजपा सरकार ने योगगुरु बाबा रामदेव पर मेहरबानी दिखाई है। बाबा रामदेव को सोलन जिले के साधुपुल में 93 बीघा जमीन 12 करोड़ से अधिक के मार्केट रेट के स्थान पर दो करोड़ 39 लाख 4,720 रुपये में देने को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा एक परिवार एक हजार रुपये देकर पांच लाख रुपये तक का उपचार सालाना कैशलेस करवा पाएगा।
शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों में 2600 से अधिक पद भरे जाएंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में करीब पांच घंटे चली प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में ये अहम निर्णय लिए गए। बैठक में 54 आइटमों पर चर्चा की गई। बाबा रामदेव से मार्केट रेट की एकमुश्त 20 फीसद राशि वसूलने को मंजूरी दी गई। यह जमीन 99 वर्ष के लिए लीज पर देने का निर्णय लिया गया। जमीन हर्बल गार्डन बनाने और पतंजलि योगपीठ की शाखा स्थापित करने के लिए आवंटित की गई थी।
पूर्व धूमल सरकार ने वर्ष 2010 में बाबा रामदेव ट्रस्ट को यह जमीन 17 लाख 31214 रुपये में देने का निर्णय लिया था। दो फरवरी 2010 को लीज पर हस्ताक्षर किए गए थे। मंत्रिमंडल ने हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना हिम केयर को लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्रदेश में सभी परिवारों का एक हजार रुपये लेकर पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा होगा। बैठक में सबसे अधिक पद शिक्षा विभाग में भरने को स्वीकृति दी गई। शिक्षकों के 2277 पद भरे जाएंगे। चार सिविल कोर्ट खुलेंगे सोलन जिला के नालागढ़ में एक अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय की स्थापना को स्वीकृति दी गई।
कुल्लू, बंजार, तीसा व शिलाई में आवश्यक पदों का सृजन कर इन्हें भरने सहित चार सिविल कोर्ट की स्थापना का निर्णय लिया गया। गो सेवा आयोग बनेगा सरकार ने गो सेवा आयोग के गठन को मंजूरी दी है। इसके साथ ही एक और बजट घोषणा को अमलीजामा पहनाया गया है। आयोग गोवंश के कल्याण में लगे गोसदनों, गोशालाओं, गोअभ्यारण्यों, गो विज्ञान केंद्रों, सामुदायिक पशुपालन केंद्रों आदि संस्थानों को नियंत्रित करेगा। आयोग बेसहारा गायों से जुड़ी समस्याओं के समाधान में भी मददगार होगा। सशक्त होंगी ग्रामीण महिलाएं प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं भी अब सशक्त बनेंगी।
सरकार ने महिला सशक्त योजना लागू करने को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत प्रदेश की आधी आबादी को सशक्त बनाने के साथ उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। दूसरे राज्यों के वाहनों की कंपोजिट फीस बढ़ी अन्य राज्यों के वाहनों को हिमाचल में प्रवेश अब महंगा होगा। अन्य राज्यों के वाहनों पर कंपोजिट फीस (संमिश्र शुल्क) में बढ़ोतरी की गई है। शुल्क वसूलने की मौजूदा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है।
मंत्रिमंडल की बैठक में इस फीस पर फैसला लिया गया है। अब इसे दैनिक आधार पर चुकाना होगा। पहले इसका भुगतान मासिक आधार पर होता था। कंपोजिट फीस अन्य राज्यों से काफी कम थी। परिवहन विभाग के शुल्क बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इससे सरकार को सालाना 30 करोड़ की आय प्राप्त होगी। व्यवस्था बदलने से 12 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हो सकेगी। अभी सालाना 18 करोड़ रुपये प्राप्त हो रहे हैं। प्रधान सचिव (राजस्व) जेसी शर्मा ने बताया कि हिमाचल में कंपोजिट फीस पड़ोसी राज्यों से कम थी।
प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने से दोहरा लाभ होगा। राज्य को अतिरिक्त राजस्व मिलने के साथ मोटर व्हीकल नियम का उल्लंघन भी रुकेगा। प्रदेश में अन्य राज्यों से रोजाना हजारों वाहन आते हैं। इनकी संख्या आठ से 10 हजार के बीच होती है। इनमें ट्रकों से लेकर ट्रेवलर व बसें शामिल हैं। पिछले दिनों सरकार ने अन्य राज्यों के वाहनों से जुड़ी यूनियन के पदाधिकारियों ने भी मुलाकात की थी। उन्होंने कंपोजिट शुल्क में बढ़ोतरी न करने का आग्रह किया था। लेकिन राज्य सरकार ने अतिरिक्त आय सृजित करने के लिए कठोर कदम उठाया है।
भवन नियमित करवाने के लिए छह से नौ गुणा तक फीस सरकार ने भवनों के अवैध निर्माण को रोकने के लिए कंपाउडिंग फीस बढ़ा दी है। भवनों के अनियमित निर्माण को नियमित करवाने के लिए अब दस फीसद की डेविएशन पर छह से नौ गुणा तक फीस वसूली जाएगी। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश नगर नियोजन नियम 2014 की धारा 35 में संशोधन करने को मंजूरी प्रदान की है। प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी अवैध निर्माण रोकने के लिए फीस बढ़ाने को कहा था। सरकार द्वारा किए गए संशोधन के तहत जिस व्यक्ति ने बिना नक्शा पास करवाए निर्धारित नियम के तहत मकान का निर्माण करवाया है, उसे छह गुणा अधिक फीस चुकानी होगी पहले यह राशि केवल दो गुणा देनी पड़ती थी। भवन को नियमित करने के लिए 15 हजार की जगह अब 90 हजार रुपये देने होंगे।
प्रदेश नगर नियोजन नियम में किए गए नए संशोधन के तहत जिन भवन मालिकों ने नक्शा पास नहीं करवाया है और 10 फीसद की डेविएशन की है, ऐसी स्थिति में भवन को नियमित करने के लिए सामान्य से नौ गुणा फीस चुकानी होगी। जिन मकानों को नियमित करने के लिए 15 हजार रुपये की कंपाउडिंग फीस चुकानी पड़ती थी, अब इसके लिए 1.35 लाख रुपये चुकाने होंगी। इस संबंध में जल्द अधिसूचना जारी कर नई प्रक्रिया लागू होगी। 10 व 11 जून को होगी इन्वेस्टर मीट धर्मशाला में इन्वेस्टर मीट अगले साल 10 व 11 जून को होगी। पहले इन्वेस्टर मीट जनवरी में प्रस्तावित थी। इसका नाम वैश्विक निवेश महासम्मेलन रखा गया है। मंत्रिमंडल ने पूर्व शेड्यूल में बदलाव किया है।
इस संबंध में कैबिनेट सब कमेटी गठित करने को भी स्वीकृति दी गई है। इसे अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग की अध्यक्षता में गठित किया है। महासम्मेलन में भारतीय उद्योग संघ को राष्ट्रीय स्तर पर मुख्य सहभागी के तौर पर नामित करने को मंजूरी प्रदान की है। सब कमेटी समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप देगी। महासम्मेलन के लिए राज्य सरकार ने 80 हजार करोड़ का निवेश लाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए प्रमुख विभागों को लक्ष्य आवंटित कर दिए हैं। अब ये निवेश लाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं।
पतंजलि को जमीन देने पर कांग्रेस को थी आपत्ति
पतंजलि योगपीठ को कौड़ियों के भाव जमीन दिए जाने को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी। पार्टी ने भूमि आवंटन में कथित अनियमितताओं के आरोप भी लगाए थे। दिसंबर 2012 में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद 19 फरवरी 2013 को भूमि का पट्टा वापस लेने का आदेश दिया गया था। राजस्व विभाग के अधिकारियों से तीन दिन में भूमि का कब्जा लेने को कहा गया था। इसके बाद मामला प्रदेश उच्च न्यायालय में चला गया।
जनवरी 2017 में पतंजलि योगपीठ की तरफ से आचार्य बालकृष्ण ने पुनर्विचार करने के लिए आवेदन किया। मार्च 2017 में तत्कालीन वीरभद्र सरकार ने दोबारा से जमीन को मार्केट वेल्यू के आधार पर और नए सिरे से लीज करने को मंजूरी दी। इसी आधार पर डीसी को आदेश दिए गए और मार्केट रेट निर्धारित किए गए।
एडजस्ट होगी 59 लाख रुपये स्टांप ड्यूटी
रामदेव को 93 बीघा जमीन मार्केट रेट के एकमुश्त 20 फीसद की दर पर 2.39 करोड़ में देने का निर्णय लिया गया है। 59 लाख की स्टांप ड्यूटी को भी एडजस्ट किया जाएगा।
-मनीषा नंदा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व