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अग्निहोत्री के बयान पर मंत्रियों का पलटवार, सत्ता के वियोग में अग्निहोत्री की भाषा अनुचित

मुख्यमंत्री के रूप में उनका चयन पार्टी हाईकमान तथा भाजपा विधायक दल द्वारा उनके अनुभव, कार्यकुशलता व छवि को देखते हुए किया गया है।

By Edited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 11:16 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 10:52 AM (IST)
अग्निहोत्री के बयान पर मंत्रियों का पलटवार, सत्ता के वियोग में अग्निहोत्री की भाषा अनुचित
अग्निहोत्री के बयान पर मंत्रियों का पलटवार, सत्ता के वियोग में अग्निहोत्री की भाषा अनुचित

शिमला, राज्य ब्यूरो। सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार व ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने काग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री के उस बयान को हास्यास्पद बताया है जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर टिप्पणी की है।

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तीनों मंत्रियों ने यहां जारी संयुक्त बयान में मुकेश अग्निहोत्री को सुझाव दिया कि वह पहले अपना बिखरता हुआ कुनबा संभालें। इसके बाद वह प्रदेशवासियों द्वारा भारी बहुमत से निर्वाचित सरकार पर टिप्पणी करें। उन्होंने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री को अब इस बात को स्वीकार कर लेना चाहिए कि जनता ने कांग्रेस पार्टी को पूरी तरह नकार दिया है। अग्निहोत्री सत्ता के वियोग में जिस अशोभनीय भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वह अनुचित है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर लगातार पाच बार प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं।

मुख्यमंत्री के रूप में उनका चयन पार्टी हाईकमान तथा भाजपा विधायक दल द्वारा उनके अनुभव, कार्यकुशलता व छवि को देखते हुए किया गया है। मुकेश अग्निहोत्री को यह ध्यान रहना चाहिए कि भाजपा की संस्कृति पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करने की है। यदि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से विकास कार्यो के लिए विचार विमर्श करते हैं तो इसमें क्या बुराई है। दरबारी होने की प्रथा काग्रेस पार्टी में है जहा पार्टी का हर नेता चाटुकारिता कर उच्च पद प्राप्त करता है।

भाजपा प्रदेश के सभी क्षेत्रों की संस्कृति, सभ्यता व भाषाओं का सम्मान करती है। भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता जानता है कि मर्यादित भाषा क्या होती है। प्रदेश के लोग पाच वर्षो में काग्रेस कार्यकाल की कारगुजारी से भली-भाति परिचित हैं। शीघ्र ही उनके कार्यकाल के दौरान किए गए भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा लोगों के सामने आ जाएगा। आज प्रदेश में काग्रेस कई धड़ों में बंटा हुआ राजनीतिक दल बन गया है जिसमें हर नेता अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। काग्रेस विधायक दल के नेता भी असमंजस में हैं कि वह किस गुट की ओर जाएं। इसी कशमकश में वह अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।


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