40 साल बाद बीबीएमबी पनविद्युत परियोजना बनाने को हुआ तैयार
हिमाचल प्रदेश 40 वर्षो से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा 40 मेगावाट प्रोजेक्ट के बनने का इंतजार कर रहा है। अब हिमाचल को प्रोजेक्ट बनाने की उम्मीद जगी है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश 40 वर्षो से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा 40 मेगावाट की पनविद्युत परियोजना बनने का इंतजार कर रहा था। आखिरकार बीबीएमबी ने इस परियोजना को मंडी के बग्गी-ख्यूरी में बनाने और हिमाचल को सौंपने के लिए हामी भर दी है। चंडीगढ़ में सोमवार को बीबीएमबी की 230वीं बैठक हुई। इसमें यह परियोजना बनाने के लिए हामी भरी गई।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की मंगलवार को होने वाली बैठक में बग्गी-ख्यूरी में पनविद्युत परियोजना का कार्य शुरू करने की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इससे बीबीएमबी द्वारा 40 वर्ष पूर्व किया गया वादा पूरा होने की उम्मीद जग गई है। परियोजना शुरू होने पर हिमाचल को करोड़ों की आय होगी। बीबीएमबी ने बग्गी-ख्यूरी में पनविद्युत परियोजना तैयार कर इसे हिमाचल को सौंपना था। लेकिन यह वादा पूरा नहीं हो रहा था। बीबीएमबी की चंडीगढ़ में हुई बैठक में हिमाचल के प्रधान सचिव (उर्जा) प्रबोध सक्सेना और बीबीएमबी के अध्यक्ष डीके शर्मा सहित बीबीएमबी के कई पदाधिकारी मौजूद थे। इसमें बग्गी-ख्यूरी में परियोजना को लेकर चर्चा हुई और इसे बनाने के लिए सहमति दी गई। हिमाचल सरकार की तरफ से परियोजना के संबंध में मंजूरी जल्द दिलाने का आश्वासन दिया गया है। जेई के लिए पदोन्नति का प्रावधान
बीबीएमबी में कार्य करने वाले कनिष्ठ अभियंताओं (जेई) के लिए पदोन्नति का कोई चैनल नहीं था। अब उनकी पदोन्नति के प्रावधान को बैठक में मंजूरी प्रदान की गई है। इससे करीब 40 जेई को लाभ होगा। बैठक में कर्मचारियों के अन्य मामलों पर भी चर्चा हुई। 4200 करोड़ की हिस्सेदारी लेनी है बीबीएमबी से
हिमाचल प्रदेश ने बीबीएमबी से अपनी 4200 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी लेनी है। पंजाब पुनर्गठन होने पर 1966 से लेकर बीबीएमबी की विद्युत परियोजनाओं से हिमाचल को 7.19 प्रतिशत की हिस्सेदारी आनी है। लेकिन बीबीएमबी मात्र 2.5 प्रतिशत हिस्सेदारी दे रहा था। हिमाचल ने इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट में लड़ा और फैसला हिमाचल के पक्ष में आया। हिमाचल सरकार कई बार यह मामला पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के साथ केंद्र सरकार से उठा चुकी है। राशि के स्थान पर 4200 करोड़ की बिजली भी लेने के लिए प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी थी। इसके बावजूद बीबीएमबी ने अभी तक हामी नहीं भरी है।
बीबीएमबी 40 मेगावाट की पनविद्युत परियोजना बनाने के लिए तैयार है।
-प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव, ऊर्जा