पोक्सो एक्ट के प्रति जागरूक करेंगे प्रिंसिपल व शिक्षक
हिमाचल प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों में प्रिंसिपल व शिक्षक पोक्सो एक्ट के प्रति जागरूक करेंगे। इस संबंध में दस दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों में प्रिंसिपल व शिक्षक प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पोक्सो) एक्ट के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करेंगे। स्कूलों में सुबह होने वाली प्रार्थना सभा में पोक्सो एक्ट के संबंध में आधे घंटे का लेक्चर दिया जाएगा। यह प्रक्रिया रोज चलेगी। ये निर्देश मिडल से लेकर जमा दो कक्षा तक के स्कूलों के लिए हैं।
उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी उप निदेशकों, स्कूलों के प्रिंसिपलों व मुख्य अध्यापकों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके लिए उप निदेशकों की जिम्मेदारी तय की गई है। निदेशालय ने सभी उप निदेशकों से 10 दिन के भीतर पोस्को अधिनियम के प्रति जागरूक करने का कार्य शुरू करने वाले स्कूलों की रिपोर्ट मांगी है। पोस्को अधिनियम के प्रति सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को भी जागरूक किया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि पोस्को अधिनियम के तहत किस प्रकार के मामले आते हैं और क्या सजा हो सकती है ताकि छात्राओं के साथ छेड़छाड़ होने पर वे मामले को दबाने या रफा दफा करने के बजाय पुलिस को सूचना करें। बच्चों से छेड़छाड़ पर कड़ी सजा
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने के लिए पोक्सो अधिनियम बनाया गया है। बच्चों के यौन उत्पीड़न व यौन शोषण जैसे अपराधों को रोकने के लिए पोक्सो अधिनियम-2012 बनाया गया है। अधिनियम के तहत बच्चे के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ करने वाले व्यक्ति को कड़ी सजा का प्रावधान है। 18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का यौन व्यवहार इस कानून के दायरे में है। यह कानून लड़के व लड़की को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है। छात्राओं को सिखाए जाएंगे सुरक्षा के गुर
सभी उप निदेशकों व स्कूलों को निर्देश जारी किए गए हैं कि प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों को पोक्सो अधिनियम के प्रति जागरूक करें। छात्राओं को सुरक्षा के गुर सिखाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा, संयुक्त निदेशक, उच्चतर शिक्षा निदेशालय