आटो ड्राइवर का जुगाड़, सवारी के बिना मास्क बैठने पर सतर्क करती है रेड लाइट, सैनिटाइजर की भी व्यवस्था
जिला शिमला के रामपुर में यूं तो 24 से अधिक आटो सड़क पर दौड़ते हैं और सवारियां के लिए जद्दोजहद करते दिखते हैं। लेकिन देविंद्र शर्मा के आटो में बैठने के लिए लोग खुद उत्सुक रहते हैं। कारण आटो चालक देविंद्र शर्मा की समझ और जागरूकता है।
रामपुर बुशहर, अतुल कश्यप। जिला शिमला के रामपुर में यूं तो 24 से अधिक आटो सड़क पर दौड़ते हैं और सवारियां के लिए जद्दोजहद करते दिखते हैं। लेकिन देविंद्र शर्मा के आटो में बैठने के लिए लोग खुद उत्सुक रहते हैं। कारण आटो चालक देविंद्र शर्मा की समझ और जागरूकता है। देविंद्र ने अपने आटो में जुगाड़ के सहारे हैंड सैनिटाइजर स्प्रे मशीन लगाई है। साथ ही बिना मास्क की सवारियों को सतर्क करने के लिए रेड लाइट की भी व्यवस्था है। अब यह आटो पूरे रामपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है। शहर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए आटो चालक ने सवारियों की चिंता को दूर कर दिया है।
कैसे काम करती है मशीन
देविंद्र शर्मा ने दो हजार रुपये खर्च कर यह स्प्रे मशीन आटो में लगाई है। इसमें कबाड़ से लिया वाइपर टैंक में बाजार में मिल रहा हैंड सैनिटाइजर डाला जा रहा है। पाइप के माध्यम से सैनिटाइजर पीछे सीटों तक पहुंचाया जाता है। देविंद्र अपनी सीट से एक बटन दबाते हैं और पंप की मदद से सैनिटाइजर की स्प्रे हो जाती है। इससे सवारियां अपने हाथ सैनिटाइज कर सकती हैं। देविंद्र सवारियां उतारने के बाद सीटों पर भी स्प्रे करते हैं।
सभी अपनाएं यह तकनीक
देविंद्र शर्मा ने बताया कि अनलाक के बाद आटो चलाने की अनुमति तो मिली, लेकिन कोरोना से बचाव के लिए पुख्ता प्रबंध नहीं थे। ऐसे में उन्होंने यह जुगाड़ लगाया, जिसे उन्होंने कारगर भी माना है। उन्होंने बताया कि कुछ आटो चालकों ने अपने व सवारियों के मध्य एक पारदर्शी शीट लगाई है, लेकिन इससे चालक की संक्रमण से सुरक्षा तो हो रही है, लेकिन सवारियों की नहीं। देविंद्र ने बताया कि यदि इस तकनीक को सभी लोग अपनाएं तो कोरोना महामारी पर नियंत्रण करने में सफलता मिल सकती है।