1250 करोड़ रुपये में शराब ठेके नीलाम
सरकार के लिए शराब सबसे अधिक सरलता से होने वाला कमाई का जरिया है। जिसे देखते हुए सरकार को हर साल शराब के कारोबार से कमाई होती है। अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार ने शराब से 1625 करोड़ रुपये की कमाई करने का लक्ष्य रखा है। जिसके तहत दो दिनों से चल रही नीलामी प्रक्रिया के तहत अभी तक 1250 करोड़ मूल्य के शराब ठेकों की बिक्री हो चुकी है। करीब 450 करोड़ रुपये मूल्य के ठेकों को बेचने के लिए समझौता करार चल रहा है। पूरे प्रदेश में 617 शराब के यूनिट हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला : सरकार के लिए शराब सबसे अधिक सरलता से होने वाली कमाई का जरिया है। अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार ने शराब से 1625 करोड़ रुपये की कमाई करने का लक्ष्य रखा है। दो दिन हुई नीलामी प्रक्रिया के तहत 1250 करोड़ रुपये के शराब ठेकों की बिक्री हो चुकी है। करीब 450 करोड़ रुपये के ठेकों को बेचने के लिए समझौता हो रहा है।
हिमाचल में शराब की 617 यूनिट हैं। इसके तहत 1820 शराब ठेके आते हैं। राज्य की आबकारी नीति के तहत प्रदेश को तीन जोन में बांटा गया है। प्रदेश में आबकारी नीति के तहत 13 जिले बनाए गए हैं। नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले शराब ठेकों की नीलामी पूरी करने के लिए शिमला स्थित मुख्यालय में शनिवार देर रात तक काम जारी रहा। रविवार को सार्वजनिक अवकाश होने के बावजूद विभाग के अधिकारी कार्यालय में मौजूद रहेंगे। शराब के जो 153 यूनिट नीलाम नहीं हो पाई थीं, उन्हें देने के लिए शराब ठेकेदारों के साथ विभाग की ओर से समझौता प्रक्रिया शुरू की गई है। ठेकेदारों के साथ समझौते का कार्य देर रात तक चलता रहा। शनिवार को प्रदेश के छह आबकारी जिलों में शामिल हमीरपुर, बिलासपुर, सिरमौर, बीबीएनए, शिमला और सोलन की शराब यूनिटों को लेकर समझौते के तहत मूल्य तय हुए। रविवार को शेष जिलों चंबा, मंडी, नुरपूर, कांगड़ा व ऊना की नीलाम होने से रह गई शराब यूनिट को लेकर आपसी बातचीत से सालाना मूल्य तय होंगे। जिला,शराब ठेके,नवीकरण,ड्रॉ, समझौता
कांगड़ा,104,86,6,12
नूरपुर,47,45,1,1,
चंबा,50,38,4 ,8
कुल्लू,37,24,5,8
सोलन,38,8,6,24
किन्नौर,7,6,1,-
शिमला,93,38,10,45
सिरमौर,10,1,1,8
हमीरपुर,49,39,5,5
बिलासपुर,34,14,6,14
बीबीएनए,15,10,3, 2
ऊना,79,58,8,13
मंडी,54,41,1,12
कुल,617,408,57,152 मनाली के ठेके सबसे महंगे
प्रदेश में सबसे ज्यादा महंगे शराब ठेके मनाली के बिकते हैं। पिछले वर्ष मनाली के दो ठेके सात करोड़ रुपये में नीलाम हुए थे। अभी कुल्लू जिले में शेष रह गई यूनिटों पर समझौता होना है। माना जा रहा है कि इस बार चार-चार करोड़ रुपये में ठेके दिए जाएंगे। इसके बाद शिमला के मालरोड स्थित तीन ठेके दूसरे नंबर पर नीलाम होते रहे हैं। पिछले साल मालरोड के ठेके 2.65 करोड़, 2.65 करोड़ व 2.68 करोड़ रुपये में नीलाम हुए थे। किन्नौर में शराब यूनिट पहले ही नीलाम
प्रदेश में किन्नौर एकमात्र ऐसा जिला है जहां की सात शराब यूनिट पहले ही नीलाम हो गई हैं। छह यूनिट के लिए नवीकरण हुआ और एक पर ड्रॉ निकाला गया। प्रदेश का जनजातीय लाहुल-स्पीति जिला ऐसा है जहां पर कोई शराब यूनिट नहीं है। देर रात तक जारी रही समझौता प्रक्रिया
हमारा प्रयास रहता है कि शराब की सभी यूनिट नवीकरण प्रक्रिया के तहत नीलाम हो जाएं। लेकिन बाजार की स्थिति और दूसरे कई प्रभावों के कारण शेष रहने वाली शराब यूनिटों के लिए ड्रा निकाले जाते हैं। जो शराब यूनिट दोनों विकल्पों में भी रह गए, उन्हें आवंटित करने के लिए शराब कारोबारियों के साथ अधिकारी समझौता करवाकर इन्हें जारी करते हैं। शनिवार को देर रात तक प्रदेश के छह जिलों की शराब यूनिट के लिए समझौता प्रक्रिया चलती रही। रविवार को भी शेष छह जिलों के लिए अधिकारी शराब कारोबारियों के साथ बैठक कर रास्ता निकालेंगे।
-राजीव शर्मा, आयुक्त, आबकारी एवं कराधान विभाग। -----