वन रक्षकों पर बढ़े हमले, नहीं मिले हथियार
न बंदूक न ही पिस्तौल थमा रही प्रदेश सरकार, सबसिडी पर हथियार देने की योजना औपचारिकताओं के फेर फंसी
शिमला, राज्य ब्यूरो। वन रक्षकों पर लगातार हमले बढ़ रहे हैं लेकिन सरकार उन्हें आत्मरक्षा करने के लिए हथियार नहीं दे पाई है। एक दिन पहले भी सिरमौर में दो वनरक्षकों पर वन माफिया ने हमला करके घायल किया है। प्रदेश में हर 15 दिन में इस तरह का मामला सामने आता रहता है, लेकिन बिना हथियार वनरक्षक असहाय नजर आते हैं। कभी बंदूक तो कभी पिस्तौल देने के वादे किए गए, पर अभी तक एक भी वन रक्षक को लाइसेंस जारी नहीं हो पाया है।
सबसिडी पर हथियार देने की योजना औपचारिकताओं के फेर में फंस गई है। अब सरकार ने एक और अड़ंगा लगाया है। पहले वित्त विभाग से सबसिडी की स्वीकृति लेनी होगी। इसके बाद ही उपायुक्त लाइसेंस की इजाजत दे सकेंगे। इससे योजना और उलझ गई है। पहले चरण में 35 साल से कम आयु वाले वन रक्षक ही आवेदन कर सकेंगे। सर्कलों से आवेदन करने आरंभ हो गए हैं। इसके लिए बाकायदा निर्धारित प्रपत्र भरा जा रहा है। संबंधित मंडल के डीएफओ केस तैयार कर अपने आला अधिकारियों के माध्यम से सरकार को भेजेंगे। पहले वित्त विभाग से स्वीकृति लेने की औपचारिकता नहीं थी।
सरकार चरणबद्व तरीके से हथियार मुहैया करवाएगी। पहले युवा वन रक्षकों को दिए जाएंगे। इसके लिए बारह हजार रुपये की सबसिडी मिलेगी।
-गोविंद ठाकुर, वन मंत्री
वन रक्षकों पर हमले बढ़ रहे हैं। जबकि हथियार दिलाने की योजना अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। औपचारिकताएं इतनी है कि जब तक पूरी होगी, पता नहीं कितने हमले और हो चुके होंगे। सरकार को इस योजना का सरलीकरण करें।
-तुलसी राम, अध्यक्ष, वन रक्षक कल्याण संघ
20 दिन में दूसरा हमला
पिछले बीस दिन के दौरान वन रक्षकों पर दूसरा हमला हुआ है। सिरमौर के धामला क्षेत्र में हथियारों से लैस वन काटुओं ने वर रक्षकों ओमप्रकाश और सुनील चौहान को घायल कर दिया। इससे पहले कुल्लू सर्कल में भी दो कर्मियों पर हमला किया गया था। मंडी जिले के वनरक्षक होशियार सिंह का मामला तो किसी से छिपा नहीं है।
दो हजार से अधिक हैं वन रक्षक
प्रदेश में वन रक्षकों की तादाद दो हजार से अधिक हैं। लेकिन हथियार के लिए आयु सीमा की शर्त लगाई गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या माफिया उम्र देखकर हमले करेंगे? सरकार की योजना के मुताबिक पहले चरण में छह सौ कर्मियों को हथियार मिलेंगे। ये निजी होंगे। सरकार इसके लिए बारह हजार की सबसिडी देगी।
होशियार मामले में सीबीआइ ने कब्जे में लिए औजार
होशियार सिंह वन रक्षक मौत मामले से जुड़े अवैध वन कटान में सीबीआइ ने औजार कब्जे में लिए हैं। सूत्रों ने बताया कि मंडी जिले की सेरी कतांडा बीट में अवैध कटान के लिए इन्हीं औजारों का इस्तेमाल किया गया था। इस मामले में अब तक तीन व्यक्ति गिरफ्तार हो चुके हैं।
इनकी सूचना के आधार पर ही औजार बरामद किए गए हैं। इस मामले में अब जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस संबंध में करसोग के डीएफओ से पूछताछ हो चुकी है। पहले शिमला में फिर करसोग में पूछताछ की गई। सीबीआइ की एसआइटी ने बीते अक्टूबर महीने में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए थे।