अष्टमी को कंजक पूजन, दशहरे पर होगी विशेष पूजा
जागरण संवाददाता शिमला शहर के प्रसिद्ध तारादेवी मंदिर में नवरात्र की अष्टमी पर कंजक पूजन
जागरण संवाददाता, शिमला : शहर के प्रसिद्ध तारादेवी मंदिर में नवरात्र की अष्टमी पर कंजक पूजन होगा, वहीं दो दिन बाद आने वाले दशहरा पर्व में शहर के हनुमान मंदिर जाखू में विशेष पूजा होगी। कोरोना संकट में संक्रमण के खतरे के चलते इस बार रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले नहीं जलाए जाएंगे। वहीं मंदिरों में भीड़ एकत्रित न हो, इसलिए बड़े आयोजन आयोजित नहीं किए जाएंगे।
जिला प्रशासन की ओर से इस बार संक्रमण के खतरे को देखते हुए त्योहारी सीजन में विशेष आयोजन नहीं करवाए जाएंगे। वहीं लोगों की आस्था को देखते हुए मंदिरों में लोगों को सतर्कता के साथ प्रवेश दिया जा रहा है।
एसडीएम शहरी मंजीत शर्मा का कहना है कि जाखू मंदिर में इस बार पुतलों का दहन नहीं होगा, लेकिन पूजा-अर्चना होगी। वहीं एसडीएम ग्रामीण मनोज कुमार ने बताया कि तारादेवी मंदिर में प्रथा के अनुसार सारी रीतियां निभाई जाएंगी। कंजक पूजन की व्यवस्था भी रहेगी, लेकिन भीड़ इकट्ठा होने नहीं दी जाएगी। लोगों की श्रद्धा का सम्मान करते हुए मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा, सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देश के अनुसार लोग माता के दर्शन करके लौटेंगे। देवी सिद्धी दात्री को समर्पित है महानवमी
बरसात के मौसम के बाद त्योहारी सीजन शुरू हो जाता है। हर साल लोग बड़े उत्साह और उल्लास के साथ नवरात्र, दशहरा, दीपावली सहित अन्य त्योहार मनाते हैं। नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। वैसे तो साल में दो बार नवरात्र का पर्व मनाया जाता है, एक चैत्र और दूसरा शारदीय नवरात्र। नौ दिन तक चलने वाले इस पर्व की समाप्ति नवमी के साथ होती है। हिंदुओं के लिए नवमी का विशेष महत्व होता है। चैत्र में आने वाली नवमी को राम नवमी के रूप मनाया जाता है तो शारदीय नवरात्र को महानवमी कहा जाता है। इस दिन नवमी की विशेष पूजा की जाती है, यह दिन महागौरी देवी सिद्दीदात्री समर्पित होता है। इस साल महानवमी 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। जाखू सहित शहरभर में होता था रावण दहन
शिमला के जाखू मंदिर परिसर में 108 फीट ऊंची भगवान हनुमान की मूर्ति के आगे हर साल विजयदशमी के पर्व पर रिमोट का बटन दबाकर रावण का दहन किया जाता था। मंदिर परिसर में इस दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद रहते थे। इसमें राधाकृष्ण गंज मंदिर से प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान, रावण की झांकी शहर से होती हुई जाखू पहुंचती थी। जगह-जगह आतिशबाजी होती थी। इसके अलावा शहर के संकटमोचन, टुटू, फागली, विकासनगर और बीसीएस सहित अन्य इलाकों में रावन दहन का कार्यक्रम मनाया जाता था जोकि इस बार कोरेाना संक्रमण के चलते नहीं हो सकेगा।