बेहतर दाम ने की कम पैदावार की भरपाई
ऊपरी शिमला से अब तक देशभर की मंडियों में सेब की एक करोड़ से अधि
सुनील ग्रोवर, ठियोग
ऊपरी शिमला से अब तक देशभर की मंडियों में सेब की एक करोड़ से अधिक पेटियां भेजी जा चुकी हैं। फागू सेब नियंत्रण कक्ष से शुक्रवार तक 77 लाख 14 हजार और बलग के नैना से करीब 37 लाख पेटियां जा चुकी हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल सेब की पैदावार कम हुई है। हालांकि बेहतर दाम मिलने से इसकी भरपाई हुई है। कोरोनाकाल के बावजूद बागवानों को 20 से 25 किलो सेब की पेटी के दाम दो हजार से लेकर चार हजार रुपये तक मिले हैं।
जिला शिमला के निचले और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब सीजन करीब-करीब समाप्त हो चुका है, लेकिन जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों और किन्नौर जिला में आजकल सेब तुड़ान चल रहा है। इन क्षेत्रों का सेब अभी मंडियों को भेजा जाना बाकी है।
सेब उत्पादन में जम्मू-कश्मीर के बाद हिमाचल प्रदेश का नंबर आता है। इस पहाड़ी प्रदेश के 12 में से सात जिलों में सेब होता है। ऊपरी शिमला के एक लाख से ज्यादा बागवान सेब व्यवसाय से जुड़े हैं। इस वर्ष सेब सीजन पर कोरोना का बहुत अधिक असर पड़ा है, इसके कारण मजदूर नहीं मिलने से परेशानी हुई।
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दाम में आई गिरावट
पराला मंडी के प्रधान अनूप चौहान के अनुसार कश्मीर का सेब बड़ी मंडियों में आने के बाद सेब के दाम में गिरावट दर्ज की गई है। उनके अनुसार अच्छे सेब को अभी भी दो हजार से ऊपर की कीमत मिल रही है। इस वर्ष ऊपरी शिमला में ओले की मार पड़ने से मंडी में दाग वाले सेब की कीमत थोड़ी कम हुई है। बागवानों के अनुसार बाहरी मंडियों में कोरोना की रफ्तार लंबी खींचने के चलते भी दाम में गिरावट आई है।