सड़क पर कराहती रही गर्भवती, नहीं आई एंबुलेंस
शिमला के गांव पड़ारा में एक गर्भवती महिला दर्द से कहराती रही। मगर न तो 102 पहुंची और न ही 108 एबुलेंस।
शिमला, जेएनएन। प्रदेश में 108 व 102 एंबुलेंस सेवा कितनी बदतर है। इसका खुलासा तब हुआ जब सोमवार सुबह जिला शिमला के गांव पड़ारा में एक गर्भवती महिला दर्द से कहराती रही। मगर न तो 102 पहुंची और न ही 108 एबुलेंस। इसके बाद परिजनों ने निजी टैक्सी में गर्भवती को अस्पताल पहुंचाया। 22 अक्टूबर को सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे गाव पड़ारा कोटखाई जिला शिमला में एक महिला प्रसव पीड़ा से कहरा रही थी। इसके लिए महिला को जल्द अस्पताल पहुंचाना जरूरी था।
इस पर परिजनों ने 102 पर फोन किया तो फोन नहीं मिला। इसके बाद 108 नंबर पर फोन कर एंबुलेंस भेजने का आग्रह किया तो जवाब आया कि एंबुलेंस में तकनीकी खराबी हैं और स्टार्ट नहीं हो रही है। जब दोबारा आग्रह किया गया कि अन्य स्थान से एंबुलेंस मंगवाई जाए तो कहा कि कोटखाई, जुब्बल, रोहड़ू व ठियोग में कहीं भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। महिला की हालत निरंतर बिगड़ रही थी तब फोन सुनने वाले कर्मचारी से इंचार्ज का फोन नंबर मागा तो उन्होंने आकाशदीप का मोबाइल फोन नंबर-7832910821 दिया।
इनको बार-बार फोन करने पर भी इन्होंने फोन नहीं उठाया। जनवादी महिला समिति की जिला सचिव फालमा चौहान ने कहा कि सरकार जनता को मुश्किल समय में सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये एंबुलेंस सेवा पर खर्च करती है। इस पर उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है। सेवा आज के समय में कितनी कारगर साबित हो रही है। यदि किसी पीड़ित को सेवा उचित समय पर नहीं मिलती तो वह सेवा औचित्यहीन हो जाती है और उचित सेवा प्रदान न करने पर सरकार की कार्यशैली व व्यवस्था पर भी आमजन कई सवाल पैदा करती हैं। इस लचर व्यवस्था व कार्यप्रणाली की जाच कर इसपर उचित कार्रवाई करेंगे।