टैक्सी किराये पर दौड़ रही एंबुलेंस
आईजीएमसी परिसर में निजी एंबुलेंस संचालक लोगों की जेब पर सरेआम डाका डाल रहे हैं। तीमारदारों की जेब काटने के लिए एंबुलेंस चालकों को प्रशासन का भी खासा संरक्षण मिल रहा है। न तो इन पर कोई कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा अमल में लाई जा रही है और न ही परिवन विभाग कुछ कर रहा है।
जागरण संवाददाता, शिमला : इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला के बाहर निजी एंबुलेंस संचालक सरेआम तीमारदारों की जेब पर डाका डाल रहे हैं। एंबुलेंस संचालक मजबूरी का फायदा उठाते हुए टैक्सी का किराया वसूल कर रहे हैं। इस पर न ही जिला प्रशासन और न ही परिवहन विभाग कोई कार्रवाई कर रहा है।
इसी छूट का फायदा उठाते हुए मरीज को अस्पताल या फिर घर छोड़ने के लिए एंबुलेंस संचालक तीमारदारों से टैक्सी का किराया वसूल कर रहे हैं। निजी एंबुलेंस में यूजर चार्ज भी 500 रुपये वसूला जाता है। शिमला से चंडीगढ़ के लिए जहां रेडक्रॉस एंबुलेंस में 2600 रुपये किराया लिया जाता है वहीं निजी एंबुलेंस में चार हजार रुपये वसूल किए जा रहे हैं। जबकि टैक्सी में भी शिमला से चंडीगढ़ तक का चार हजार रुपये किराया लिया जाता है।
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रेडक्रॉस एंबुलेंस में मात्र 10 रुपये प्रतिकिलोमीटर
रेडक्रॉस सोसायटी की एंबुलेंस सिर्फ 10 रुपये प्रति किलोमीटर का यूजर चार्ज देकर मिल सकती है। इसमें कम से कम 50 रुपये तो तीमारदार को शुल्क के रूप में देने ही होंगे. यह राशि रोगी कल्याण समिति के खाते में जाती है। तीमारदार जब तक इस बारे में सोच पाता है कि निजी एंबुलेंस चालक तीमारदारों को लपक लेते हैं। सुविधा तो सरकार ने भी दे रखी है, मगर अस्पताल में यह सुविधा भी दिन के समय ही उपलब्ध हो रही है। शाम पांच बजे के बाद रेडक्रॉस एंबुलेंस की भी छुट्टी हो जाती है।
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बिना दस्तावेजों के चल रही एंबुलेंस
निजी एंबुलेंस में कई के पास तो आरसी और अन्य दस्तावेज भी नहीं है। न ही पंजीकृत हैं। सिर्फ टैक्सी नंबर पर एंबुलेंस घुमाई जा रही हैं। पिछले दिनों ऐसी छह गाड़ियों के चालान भी काटे गए थे। लेकिन अब फिर से यही हालात हो गए हैं।
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ऑक्सीजन सिलेंडर के 800 रुपये
एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर आवश्यक होता है और संचालक को नि:शुल्क मुहैया करवाना होता है। लेकिन निजी एंबुलेंस संचालक इस बावजूद तीमारदारों से ऑक्सीजन सिलेंडर के 800 रुपये अतिरिक्त वसूल कर रहे हैं।
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रेडक्रॉस एंबुलेंस सेवा सुबह 10 से शाम पांच बजे तक
रेडक्रॉस एंबुलेंस की सेवाएं सुबह 10 से शाम पांच बजे तक मरीजों को मिल पाती हैं। जबकि अधिकतर मरीजों व तीमारदारों को एंबुलेंस की जरूरत रात को पड़ती है। क्योंकि उस समय शहर में कोई भी यातायात व्यवस्था नहीं होती है। इसी का फायदा उठाकर निजी एंबुलेंस संचालक मनमर्जी से तीमारदारों से वसूली करते हैं।
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मनमानी करने वाले निजी एंबुलेंस संचालकों पर कार्रवाई होगी। 10 रुपये प्रति किलोमीटर एंबुलेंस का किराया निर्धारित किया गया है। इससे अधिक वसूलते हैं तो एंबुलेंस को जब्त किया जाएगा। जहां तक रेडक्रॉस की एंबुलेंस की बात है तो पता किया जाएगा कि रात के समय क्यों नहीं चल रही है। रेडक्रॉस की एंबुलेंस सेवा 24 घंटों के लिए है।
-अमित कश्यप, उपायुक्त, शिमला।