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तीन बीडीओ पर आरोप साबित

हिमाचल में कार्यरत कई खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) सरकार के राडार पर है्रं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 04:31 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 04:31 PM (IST)
तीन बीडीओ पर आरोप साबित
तीन बीडीओ पर आरोप साबित

रमेश सिंगटा, शिमला

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हिमाचल में कार्यरत कई खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) सरकार के राडार पर हैं। तीन अधिकारी ऐसे हैं जिनका दामन काफी दागदार है। तीन बीडीओ पर आरोप साबित हो गए हैं। संदिग्ध आचरण वाले अधिकारियों (ओडीआइ) के खिलाफ हाईकोर्ट की सख्ती से सरकार भी हरकत में आ गई है।

दागी अधिकारियों के खिलाफ लंबित विभागीय जांच का फटाफट निपटारा किया जा रहा है। जांच के आधार पर बीडीओ की बारी आने वाली है। इन पर लगे आरोप सही साबित हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार आरोपितों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकते हैं। इन मामलों में सरकार का साथ मिलने वाला नहीं है क्योंकि इनका निरीक्षण हाईकोर्ट कर रहा है।

इन अधिकारियों पर साबित हुए आरोप

-बीडीओ रेखा को तीन फरवरी 2014 को चार्जशीट किया गया। 25 अप्रैल 2014 को ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त निदेशक को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। इसके बाद एडीसी को जांच अधिकारी बनाया। जांच अधिकारी ने इस साल पांच मई को सरकार को रिपोर्ट पेश की। महिला अधिकारी पर 11 आरोप लगाए गए थे। इनमें से तीन आरोप विभागीय जांच में साबित हो गए। चार आरोप साबित नहीं हो पाए। चार आरोप आंशिक तौर पर प्रमाणित हुए। अब अनुशासनात्मक अथॉरिटी को इस पर अंतिम फैसला लेना है। -बीडीओ राजीव सूद को आठ जुलाई 2016 को चार्जशीट किया गया था। 18 अगस्त 2016 को ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त निदेशक को विभागीय जांच के लिए आइओ नियुक्त किया गया। जांच अधिकारी ने इस साल 30 मई को अपनी रिपोर्ट सरकार को दी। अनुशासनात्मक अथॉरिटी ने आरोपित अधिकारी का पक्ष भी सुना। आरोपित अधिकारी पर पांच में से दो आरोप साबित हुए। दो आरोप साबित नहीं हो पाए। एक आरोप आंशिक रूप से प्रमाणित हो गया। अब इस मामले में भी सरकार को अंतिम निर्णय लेना है। -बीडीओ कृष्ण चंद को 26 अगस्त 2017 को चार्जशीट किया गया। पांच दिसंबर को कांगड़ा के एडीसी को जांच अधिकारी तैनात किया गया। उन्होंने 23 दिसंबर को पहली सुनवाई की। उन्होंने इस वर्ष 17 जुलाई को जांच रिपोर्ट सौंप दी। आरोपित अधिकारी पर आरोप प्रमाणित हो गए हैं। अब अनुशासनात्मक अथॉरिटी के पास मामला प्रस्तुत होगा। मेडिकल ऑफिसर भी चार्जशीट

मेडिकल ऑफिसर डॉ. राजेश्वर ठाकुर को सरकार ने 22 सितंबर 2016 को चार्जशीट किया था। इनके खिलाफ जांच रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। इसे आरोपित डॉक्टर को भेजा गया है ताकि वह अपना पक्ष रख सकें। इसके बाद ही इस मामले में फैसला होगा। सहायक प्रोफेसर को मेजर पेनेल्टी

कुल्लू कॉलेज में संगीत विषय के सहायक प्रोफेसर डॉ. हेमेंद्र कुमार को चार्जशीट किया गया था। 19 नवंबर 2016 को इस पर आरोपित का जवाब आया था। जांच में आरोप सही पाए गए। इसके आधार पर इन्हें मेजर पेनेल्टी लगाई गई है। इस संबंध में उन्हें शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। इस पर अंतिम निर्णय सरकार लेगी। आरटीआइ से मिली जानकारी

दागी अधिकारियों पर किस प्रकार की कार्रवाई की गई है अथवा की जा रही है, इसका खुलासा आरटीआइ के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ। यह सूचना प्रथम अपीलीय प्राधिकारी एवं विशेष सचिव गृह से प्राप्त हुई है। जन सूचना अधिकारी ने इस सूचना को देने से इन्कार कर दिया था।


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