आतंकियों के घुसने की अफवाह के बीच अलर्ट
पुलवामा हमले के बाद जम्मू- कश्मीर में सुरक्षा बलों के बढ़े दबाव के कारण आतंकियों के हिमाचल में घुसपैठ करने की आशंका है। इसे देखते हुए हिमाचल पुलिस और खुफिया एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं।
जागरण टीम, शिमला/धर्मशाला : पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के बढ़े दबाव और आतंकियों के हिमाचल में घुसपैठ की अफवाह के बीच अलर्ट जारी कर दिया गया है। वीरवार सुबह से सोशल मीडिया पर उड़ी इस अफवाह के बाद हिमाचल पुलिस और खुफिया एजेंसियां चौकस हो गई हैं। पुलिस ने जम्मू सीमा से सटे चंबा सहित कांगड़ा में अलर्ट जारी कर दिया है। चंबा की 167 किलोमीटर लंबी सीमा जम्मू और 18 किलोमीटर सीमा पंजाब के पठानकोट से लगती है। सुरक्षा एजेंसियां इसलिए भी चौकस हो गई हैं क्योंकि प्रदेश में पहले भी आतंकी बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।
उधर, पुलिस प्रशासन ने वीरवार को उपमंडल नूरपुर के सीमावर्ती क्षेत्रों में रेकी की। उपमंडल के थाना प्रभारियों को निर्देश जारी किए हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे लगे सीसीटीवी कैमरों में होने वाली गतिविधियों पर पैनी नजर रखें। सोशल मीडिया पर वायरल संदेश में कहा जा रहा है कि आतंकी रावी नदी से होते हुए हिमाचल प्रदेश में दाखिल हो गए हैं। एसएसपी कांगड़ा संतोष पटियाल ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने छानबीन की है, लेकिन यह अफवाह लग रही है। फिर भी थाना व चौकी प्रभारियों को गश्त बढ़ाने की निर्देश दिए गए हैं।
कालावन-सतरूंडी में मार डाले थे 35 लोग
तीन अगस्त 1998 को जम्मू की तरफ से आए आतंकियों ने चंबा की सीमा पर कालावन-सतरूंडी में 35 मजदूरों को गोलियों से भून डाला था। चंबा के छह लोगों का अपहरण किया था, जिनका आज तक पता नहीं चल पाया है। कांगड़ा की सेना फायरिंग रेंज में लश्कर ए तैयबा के आंतकियों ने 2002 में निहत्थे सैनिकों पर हमला बोल दिया था। इससे दो जवानों की मौत हो गई थी, जबकि चार घायल हुए थे। वहीं 15 दिसंबर 2010 को दो कश्मीरी आतंकी गिरफ्तार किए गए थे। इसके अलावा 11 नवंबर 1999 को चक्की पुल के पास पूजा एक्सप्रेस ट्रेन में विस्फोट हुआ था। उसमें 14 लोग मारे गए थे, जबकि 47 घायल हुए थे। -----------
सोशल मीडिया पर उड़ी अफवाह के आधार पर चंबा और कांगड़ा जिलों में अलर्ट घोषित किया गया है। हालांकि खुफिया एजेंसियों को जम्मू-कश्मीर की तरफ से हिमाचल में आतंकी घुसपैठ की आधिकारिक सूचना नहीं है। बावजूद इसके पुलिस व खुफिया तंत्र अपनी ओर से एहतियात बरत रहा है।
अशोक तिवारी, एडीजीपी, सीआइडी, हिमाचल प्रदेश