Move to Jagran APP

संवरेंगे किसान, खुशहाल होंगे बागवान

हिमाचल सरकार ने कृषि व बागवानी को प्राथमिकता दी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 09:43 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 09:43 PM (IST)
संवरेंगे किसान, खुशहाल होंगे बागवान
संवरेंगे किसान, खुशहाल होंगे बागवान

यादवेन्द्र शर्मा, शिमला

loksabha election banner

हिमाचल के 9.60 लाख किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कृषि क्षेत्र में सिंचाई को महत्व दिया गया है। प्रदेश सरकार किसानों की आय केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत सिचाई योजनाओं से बढ़ाएगी। कृषि व बागवानी क्षेत्र में पांच नई योजनाओं को शुरू किया जाएगा। इन योजनाओं से किसान संवरेंगे और बागवान भी खुशहाल होंगे।

कृषि क्षेत्र के लिए दो योजनाओं को शुरू किया जाएगा। इसमें 20 करोड़ रुपये का कृषि कोष पहली बार बनाया जाएगा। इसमें कृषक उत्पादक संगठनों को मशीनें उपदान पर देने, बीज व आíथक मदद का प्रावधान होगा। इस योजना से प्रदेश के 90 हजार किसानों को लाभ मिलने की संभावना है। -कृषि से संपन्नता योजना शुरू होगी। इसमें हींग व केसर की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। हींग की नई प्रजाति चंबा, लाहुल स्पिति और किन्नौर जिलों के उंचाई वाले क्षेत्रों में उगाई जा सकती है। हींग की इस प्रजाति की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।

-किसानों की आय को दोगुना करने तथा कृषि से संबंधित दिक्कतें दूर करने के लिए कृषि उत्पाद एवं लाइव स्टॉक मार्केटिग एक्ट लागू किया जाएगा।

-प्रदेश के कई किसान परिवार निजी कारणों से गांव छोड़कर श्हर में रह रहे हैं। ऐसे परिवार अब अपनी भूमि को हिमाचल के किसानों को कृषि के लिए दे सकेंगे। इसके लिए सदन के सभी दलों के सदस्यों की एक कमेटी बनेगी जो खाली पड़ी भूमि को हिमाचली किसानों को खेतीबाड़ी के लिए देने की व्यवस्था का अध्ययन कर सुझाव देगी।

-02 वर्ष पूर्व शुरू की गई प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना में अगले वित्तीय वर्ष के लिए 25 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान।

-50 हजार किसानों ने अपनाई है प्राकृतिक कृषि योजना। वर्ष 2020-21 में इसे एक लाख किसानों तक ले जाया जाएगा।

-खरीफ एवं रबी की बिजाई से पूर्व पूरे राज्य के सभी ब्लॉकों में कृषक मेले लगाए जाएंगे। इन मेलों में कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि, बागवानी विश्वविद्यालय के अधिकारी व विज्ञानी भाग लेंगे।

-07 करोड़ रुपये की मधु उत्पादन एवं प्रसंस्करण योजना शुरू होगी। मधु उत्पादों को स्वास्थ्य उत्पाद के रूप में विकसित करने के लिए इसे व्यवसायिक प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।

-जरोल टिक्कर में चेरी के लिए हाइड्रो कूलिग की सुविधा मिलेगी।

-बागवानी विकास परियोजना के तहत गुम्मा, जरोल टिक्कर व रोहड़ू के कोल्ड स्टोर का विकास होगा। इन कोल्ड स्टोरों की क्षमता 2000 टन से बढ़ाकर 5700 टन की जाएगी।

-ग्रामीण युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए महक योजना शुरू होगी। सुगंधित पौधों की खेती का प्रशिक्षण देने के अलावा सुगंधित पौधारोपण, विकास एवं विपणन के लिए प्रोसेसिग इकाइयां स्थापित की जाएंगी।

-बागवानी के लिए दो नई योजनाएं, 536 करोड़ के बजट का प्रावधान।

-बागवानों व किसानों के लिए कृषि उत्पाद सरंक्षण योजना। इसमें अनुदान पर दिए जा रहे एंटी हेलनेट के साथ अब बगीचे में पेड़ों तथा खेत में पौधों को ढकने के लिए बांस अथवा स्टील की सहायता से बनी स्थाई संरचना पर 50 फीसद अनुदान दिया जाएगा। एंटी हेलनेट पर पहले से अनुदान दिया जा रहा है। दोनों के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

----------- हर खेत में पहुंचेगा पानी

सिचाई क्षमता के पूरे दोहन के लिए कमांड एरिया डेवेलपमेंट योजना से सभी खेतों में पानी पहुंचाया जाएगा। जल संग्रहण, संरक्षण तथा प्रबंधन विभिन्न विभागों द्वारा किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी जल संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए एक समिति बनाई जाएगी।

लघु सिचाई योजनाओं को प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के अंतर्गत पूरा किया जाएगा। 338 करोड़ रुपये से 111 लघु सिचाई योजनाओं के लिए केंद्र सरकार से 202 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं। इन सिचाई योजनाओं का निर्माण कार्य विभिन्न चरणों में है। इसके अतिरिक्त 3534 हेक्टेयर भूमि पर 87.35 करोड़ रुपये से चार और लघु सिचाई परियोजनाओं के निर्माण के लिए केंद्र सरकार का अनुमोदन प्राप्त हो चुका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.