कोरोना काल में मोबाइल क्रांति खेतों तक पहुंची
कोरोना काल में मोबाइल क्रांति खेतों तक पहुंच गई है ।
राज्य ब्यूरो, शिमला : कोरोना काल में मोबाइल क्रांति खेतों तक पहुंच गई है और घर बैठे किसानों की समस्याओं का समाधान वाट्सएप पर हो रहा है। इसके लिए प्रदेश में लगभग 5676 किसानों को 94 कृषि वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया है। संकट के इस समय में किसानों की आर्थिकी को बनाए रखने, समस्याओं के समाधान व उन्हें खेती संबंधी सलाह देने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा वाट्सएप का सहारा लिया जा रहा है। इसके लिए ब्लॉक, जिला व राज्यस्तर पर ग्रुप बनाए गए है। अधिकारी वीडियो कॉल कर किसानों के खेतों तक पहुंच कर लाइव उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।
प्रदेश में ब्लॉक स्तर पर 80 वाट्सएप ग्रुप हैं। जिला स्तर पर 12 और प्रदेश स्तर पर दो वाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। 80 ब्लॉकों में करीब चार हजार, जिला स्तर पर 500 किसानों को इनसे जोड़ा गया है। प्रदेश स्तर पर बनाए दो ग्रुपों से लगभग 1176 किसानों व अधिकारियों को जोड़ा गया है। प्रत्येक ब्लॉक में तीन अधिकारी और जिला स्तर पर प्रोजेक्ट डायरेक्टर एसएमएस और डीपीडी की तैनाती भी की गई है।
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2151 हेक्टेयर भूमि पर हो रही प्राकृतिक खेती
प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि से अभी तक 54 हजार किसान जुड़ चुके हैं। 70 हजार से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। प्रदेश में अब तक 2151 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जा रही है। प्रदेश की 3226 पंचायतों में से 2921 पंचायतों में प्राकृतिक खेती विधि के मॉडल खड़े किए जा चुके हैं।
प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने बताया कि कर्फ्यू के दौरान किसानों को आ रही समस्याओं का हर संभव समाधान किया जा रहा है।