अब सौर ऊर्जा से चलेंगी सिंचाई परियोजनाएं
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश के किसानों को अब खेतों की सिंचाई के लिए बिजली के बिल का भु
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश के किसानों को अब खेतों की सिंचाई के लिए बिजली के बिल का भुगतान नहीं करना होगा। सिंचाई परियोजनाएं अब बिजली से नहीं बल्कि सौर ऊर्जा से चलाई जाएंगी। सरकार ने इस संबंध में कृषि विभाग के आलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
बिजली बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी ऊठाई सिंचाई योजनाओं में लगे बिजली से चलने वाले पंप को बदल कर सोलर पंप लगाने को कहा है। कृषि विभाग ने फील्ड से परियोजनाओं को डाटा एकत्र करना शुरू कर दिया है जहां पर सोलर पंप लगाया जाएंगे। नई सिंचाई परियोजनाओं में सोलर पंप ही लगाने के निर्देश दिए गए हैं। वीरवार को सचिवालय में अतिरक्त मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी ने कृषि विभाग के निदेशक सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। प्रदेश सरकार के निर्देशों के मुताबिक नई सिंचाई योजनाओं और पुरानी परियोजनाओं के लिए प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा है। केंद्र सरकार से प्रदेश कृषि विभाग को सौर उर्जा के तहत कार्य करवाने के लिए 30 से 35 करोड़ रुपये आता है, इसके अलावा सोलर पंप लगाने में आने वाले खर्च में राज्य सरकार भी योगदान देगी।
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कूहलों को दोबारा शुरू करेगा विभाग
सरकार के निर्देशों में प्रदेश में दम तोड़ चुकी सिंचाई कूहलों को भी दोबारा शुरू करने की बात कही गई है। कृषि विभाग के आलाधिकारियों ने फील्ड स्टाफ से प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में मौजूद कूहलों को रिकॉर्ड मंगवाया है। इस संबंध में 20 फरवरी को विभाग की शिमला में बैठक होगी। इस दौरान प्रदेश में कूहलों का आंकड़ा पेश किया जाएगा और प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर भी चर्चा होगी।
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जायका के तहत बनेंगी 45 सिंचाई परियोजनाएं
कृषि विभाग किसानों के लिए 45 नई परियोजनाओं के निर्माण करेगा। इसे लेकर विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसे नाबार्ड को भेज दिया जाएगा।
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किसान विकास संघ नहीं देते थे बिजली का बिल
विभाग के अनुसार प्रदेश के खेतों की सिंचाई के लिए करीब 200 टयूबवेल लगाए थे, जिनके बिजली के बिलों का भुगतान किसान विकास संघ द्वारा किया जाना तय किया गया था, लेकिन कई संघ बिल का भुगतान नहीं कर रहे।
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आइपीएच विभाग को सौंप दिए टयूबवेल
बिल के भुगतान के कारण पैदा हुई समस्या के कारण कृषि विभाग ने 200 टयूबवेल आइपीएच विभाग को सौंप दिए हैं। अब उनकी देखरेख आइपीएच विभाग कर रहा है। सूत्रों की मानें तो आइपीएच विभाग पेयजल और सिंचाई परियोजनाओं का साल भर में करीब चार हजार करोड़ रुपये बिजली का बिल का अदा करता है। सोलर पंप योजना सिरे चढ़ती है तो इसे आइपीएच विभाग की छोटी पेयजल योजनाओं पर भी लागू किया जा सकता है।