बिजली बोर्ड मुख्यालय के बाहर कर्मचारियों का हल्ला बोल
बिजली बोर्ड कर्मियों ने बोर्ड से 66 केवी व इससे ऊपर के विद्युत उपकेंद्रों के हस्तांतरण का विरोध किया है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : बिजली बोर्ड कर्मियों ने बोर्ड से 66 केवी व इससे ऊपर के विद्युत उपकेंद्रों को प्रदेश ऊर्जा संचार निगम को हस्तांतरण करने का विरोध किया है। कर्मचारियों ने सोमवार को शिमला में बिजली बोर्ड मुख्यालय के बाहर धरना दिया। कर्मचारियों ने कहा कि यदि ऊर्जा संचार निगम के हस्तांतरण का निर्णय वापस नहीं लिया तो आंदोलन तेज किया जाएगा और कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे। राज्य बिजली बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस के बाहर दिए गए धरने के दौरान बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कहा कि कर्मचारी सरकार के इसप्रस्ताव का विरोध करते हैं। बिजली बोर्ड के संचार विंग, परियोजना विंग व उत्पादन विंग को अलग करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। बोर्ड की 6000 करोड़ की संपत्तियों में से लगभग 4000 करोड़ रुपये की संपत्ति इन विंग में है। बिजली कंपनी को फिर से पुनगर्ठन करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। इसके तहत बिजली बोर्ड की 1200 करोड़ से अधिक की संपत्ति की संचार लाइनों व विद्युत उपकेंद्रों को प्रदेश ऊर्जा संचार निगम व परियोजना विंग को हस्तांतरित करने की तैयारी है। वार्ता न होने पर होगा घेराव
पहले चरण में उच्च वोल्टेज के 12 उपकेंद्रों जिनमें 220 केवी विद्युत उपकेंद्र कुनिहार, गिरीनगर, जसूर, हमीरपुर, बद्दी, अम्ब, कांगू, नंगल, काला अंब, अणु और 66 केवी के संसारपुर टैरेस पर फैसला अंतिम चरण मे है। इस तरह के फैसलों से बोर्ड के कर्मचारियों की सेवाएं प्रभावित होंगी और 23000 पेंशनरो की सामाजिक सुरक्षा भी खतरे में पड़ेगी। कर्मचारियों की मांगों को लेकर प्रबंधन वार्ता नहीं करवा रहा है। वार्ता न करवाए जाने पर प्रबंधन का घेराव किया जाएगा।
हीरा लाल वर्मा, महासचिव, प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ