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रद होगी 104 निजी शिक्षण संस्थानों की मान्यता

इस संबंध में पहले 104 निजी शिक्षण संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएंगे जिन्हें 31 मई तक जवाब देना होगा

By Edited By: Published: Wed, 16 May 2018 09:37 PM (IST)Updated: Thu, 17 May 2018 12:47 PM (IST)
रद होगी 104 निजी शिक्षण संस्थानों की मान्यता
रद होगी 104 निजी शिक्षण संस्थानों की मान्यता

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल में फर्जीवाड़ा और मानकों की अनदेखी करने वाले 104 निजी शिक्षण संस्थानों की मान्यता रद होगी। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी है। बुधवार को सचिवालय में शिक्षा सचिव डॉ. अरुण कुमार शर्मा की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि निजी शिक्षण संस्थानों की जांच करने के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) द्वारा हाईकोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर फर्जीवाड़ा करने या मानकों की अनदेखी करने वाले शिक्षण संस्थानों की मान्यता रद की जाएगी।

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इस संबंध में पहले 104 निजी शिक्षण संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएंगे जिन्हें 31 मई तक जवाब देना होगा। जवाब आने के बाद मान्यता रद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इन 104 निजी शिक्षण संस्थानों में आइटीआइ, बीएड, जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाईट), चिकित्सा शिक्षा और तकनीकी निजी शिक्षण संस्थान शामिल हैं। ऐसे में इन निजी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले हजारों विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट के बादल छा गए हैं।

सूत्रों के अनुसार एसआइटी ने 16 निजी शिक्षण संस्थानों को बंद करने की सिफारिश की है। इसके अलावा करीब 47 निजी शिक्षण संस्थानों में खामियां पाई गई जिन्हें दूर करने के लिए, 15 निजी शिक्षण संस्थानों पर आपराधिक मामला व उन्हें बंद करने, पांच संस्थानों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने व खामियां दूर करने और 18 आइटीआइ में खामियों को दूर करने की सिफारिश की है। एसआइटी हाईकोर्ट को प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों की जांच को लेकर सात रिपोर्ट पेश कर चुकी है। यह जांच जारी है। रिपोर्ट में निजी शिक्षण संस्थानों पर डिग्री में फर्जीवाड़ा, भूमि में गड़बड़ी सहित तय मानकों की अवहेलना करने की बात है।

यह मामला अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है जिस पर 18 मई को सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट ने बनाई थी एसआइटी प्रदेश सरकार ने वर्ष 2014 के दौरान एक निजी बीएड कॉलेज का फर्जीवाड़ा सामने आने पर उसकी मान्यता रद कर दी थी। इसके बाद उस शिक्षण संस्थान के मालिक ने न्यायालय का दरवाजा खटखटा कर प्रदेश के अन्य शिक्षण संस्थानों में भी गड़बड़ियां होने को लेकर याचिका दायर की थी। न्यायालय ने इसकी जांच सीबीआइ को करने के आदेश दिए थे। सीबीआइ के पास पहले से अधिक मामले होने के कारण इस संबंध में हाईकोर्ट को दिशानिर्देश दिए गए।

हाईकोर्ट ने जनवरी 2015 में एसआइटी गठित की थी। कारण बताओ नोटिस जारी होंगे एसआइटी की रिपोर्ट में 100 से अधिक निजी शिक्षण संस्थानों में खामियों व इनमें से कुछ संस्थानों में फर्जीवाड़े के मामलों का जिक्र किया गया है। इन सभी संस्थानों की मान्यता रद करने को लेकर कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा। डॉ. अरुण कुमार शर्मा, शिक्षा सचिव


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