बारिश से हिमाचल में कई मार्ग बंद, बांधों से पानी की निकासी शुरू
मौसम को देखते हुए और नदियों में बड़े जल प्रवाह के चलते कुल्लू प्रशासन ने सैलानियों को नदी नालों से दूर रहने की सलाह दी है।
शिमला, जेएनएन। कालका शिमला एनएच पर लगा लंबा जाम, सैकड़ों वाहन फंसे कालका शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर सनवारा से जाबली परवाणू के बीच मीलों लंबा जाम होने के कारण दर्जनों बसें व सैकड़ों वाहन जाम में फंसे है। एनएच पर भारी बारिश में मलबा आने के कारण मार्ग को वनवे किया हुआ है जिससे वाहन रेंग-रेंग कर आगे बढ़ रहे है।
वहीं कुमारहट्टी से बड़ोग की ओर भी भारी जाम से वाहन फंसे पड़े है जिससे लोगों व नौकरी पेशा को अपने गंतव्यों तक पहुंचने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कुमारहट्टी नाहन राष्ट्रीय राजमार्ग पेड़ व मलबा आने के कारण ठप्प है जिससे वाहन सड़क में फंसे हुए है। राष्ट्रीय राजमार्ग के पूरी तरह जाम होने के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में यदि मरीजों को बड़े अस्पतालों की ओर रैफर किया जाए तो भगवान ही सहारा है। हालांकि सड़कों पर यातायात की आवाजाही को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए प्रयत्नशील है लेकिन वह भी इसमें बेबस नजर आ रहा है।
सोलन जिला में अभी मुख्य सड़कों पर ही यातायात व्यवस्था सुचारू की गयी है जबकि ग्रामीण क्षेत्र के भी कई मार्ग भारी बारिश के चलते बंद है। शिमला की ओर आने वाले पर्यटकों के वाहन जाम में रेंग-रेंग कर आगे बढ़ रहे है।
मनाली चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बहाल हो गया है। भूस्खलन की वजह से कई जगह एक तरफा यातायात चल रहा है। वाहन धीमी गति से चल रहे हैं। चंडीगढ़ शिमला नेशनल हाईवे पर लंबा जाम लगा है और मलबा सड़कों पर बिखरा पड़ा है। सैंकड़ों यात्री जाम में फंसे हुए हैं। एनएच पठानकोट मंडी मलबा गिरने से बंद पड़ा था इसे वाहनों की आवाजाही के लिये खोल दिया गया है ये मार्ग 11 घंटे से बंद था।
मनाली हाईवे पुलिया टूटने के कारण बनाला के पास से बंद था। इसे बीती रात ही छोटी गाडिय़ों के लिए खोल दिया गया था, आज से बड़ी बसें भी आने-जाने लगी हैं। मनाली में हालांकि पर्यटन सीजन मंद पड़ गया है, लेकिन सैलानी अभी भी आ रहे हैं।
मौसम को देखते हुए और नदियों में बड़े जल प्रवाह के चलते कुल्लू प्रशासन ने सैलानियों को नदी नालों से दूर रहने की सलाह दी है। साथ ही साहसिक गतिविधियों का संचालन करने वालों से भी सहयोग की अपील की है।
ब्यास नदी में सोमवार को पानी की आवक 98000 क्यूसेक चल रही थी। पंडोह बांध से करीब 1.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। गाद निकासी के लिए बीबीएमबी ने पंडोह बांध के पांचों गेट खोल दिए थे। 990 मेगावाट क्षमता के डैहर पावर हाउस में कल से बिजली उत्पादन बंद था। आज ब्यास में पानी की आवक घटकर 30000 क्यूसेक रह गई है।
डैहर पावर हाउस को दोबारा पानी की सप्लाई बहाल कर दी गई है। पावर हाउस में 11 बजे से बिजली उत्पान शुरू हो गया है। ब्यास में गाद की मात्रा कम होने से बिजली बोर्ड के 126 मेगावाट लारजी प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन शुरू कर दिया गया है।