डाईट में देर से आए तो कार्रवाई
प्रदेश के जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डाईट) में अब देर से आने पर कारवाई होगी।
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश के जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डाईट) में अब देर से आने वालों पर कार्रवाई होगी। डाईट पर शिक्षा निदेशालय व समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) की नजर रहेगी। डाईट में देर से आने वाले प्रधानाचार्यो व शिक्षकों को एसएसए निदेशक फोन कर इसका कारण पूछेंगे। देर से आने पर यदि खास कारण न बताया तो शिक्षा निदेशालय की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डाईट में बॉयोमीट्रिक मशीन से शिक्षकों व कर्मचारियों की हाजिरी लगेगी। शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने कार्यालय से राज्यस्तर पर डाईट में शिक्षकों व कर्मचारियों की हाजिरी को देख सकेंगे। एसएसए के राज्य परियोजना निदेशक चेक कर सकेंगे कि शिक्षक व कर्मचारी कितने बजे डाईट में आ-जा रहे हैं। इस प्रक्रिया के तहत शिमला जिला के डाईट शामलाघाट में भी बॉयोमीट्रिक मशीन लगाई गई है। कई जिलों में लगी इन मशीनों को एसएसए के साथ ऑनलाइन जोड़ा गया है। एसएसए के निदेशक बिलासपुर, सोलन व शिमला के डाईट के स्टॉफ के आने-जाने के समय का निरीक्षण करते हैं। एसएसए ने पहली बार डाईट पर नजर रखने के लिए इस तरह का ऑनलाइन मास्टर प्लान तैयार किया है। गत वर्ष शिक्षण डाईट शामलाघाट में शिक्षा मंत्री के औचक निरीक्षण के दौरान अव्यवस्था पाई गई थी। कुछ शिक्षकों के गैरहाजिर रहने पर शिक्षा मंत्री ने नाराजगी जताई थी। व्यवस्था सुधारने के लिए रिपोर्ट तलब की गई थी। राज्य परियोजना निदेशालय ने इस बार डाईट पर अनुशासन बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है। डाईट में कार्यरत शिक्षकों व गैर शिक्षकों को अब हाजिरी लगाना जरूरी हो जाएगा। एसएसए ने डाईट को बॉयोमिट्रिक मशीनें लगाने के लिए बजट दे दिया है। सभी संस्थानों ने मशीनें खरीद ली हैं। हालांकि कई जिलों में मशीनों को निदेशालय के साथ जोड़ा नहीं गया है। एसएसए ने निर्देश दिए है कि 15 जनवरी से पहले डाईट में आधारयुक्त बॉयोमिट्रिक मशीन के सॉफ्टवेयर को अपडेट करवाया जाए। एक मशीन की कीमत करीब 10 हजार रुपये है। प्रदेश के सभी डाईट पर करीब 400 कर्मचारी हैं। डाईट के प्रिंसिपल या शिक्षकों को यदि किसी दिन संस्थान में नहीं आना हो तो इसकी जानकारी एसएसए के निदेशक को एक या दो दिन पहले देनी होगी। बॉयोमीट्रिक मशीनें लगने से अनुशासन बना रहेगा।
आशीष कोहली, राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा अभियान