लोकसभा चुनाव में लापरवाही बरतने वाले 20 कर्मियों पर कार्रवाई, जांच तक मिलेगा आधा वेतन
Action against polling Employee लोकसभा चुनाव में लापरवाही बरतने वाले 20 कर्मचारियों का तुरंत हेडक्वाटर फिक्स होगा।
शिमला, जेएनएन। लोकसभा चुनाव मतदान में लापरवाही बरतने वाले 20 अधिकारियों व कर्मचारियों का तुरंत हेडक्वार्टर फिक्स होगा। इसके साथ जांच पूरी होने तक निलंबन अवधि तक सभी को आधा वेतन मिलेगा। निलंबित होने वाले 15 शिक्षक हैं, जबकि शेष पांच स्वास्थ्य और बिजली बोर्ड के हैं। प्रदेश में मतदान के दौरान मंडी जिला के तीन बूथों पर टीमों ने सावधानी नहीं बरती थी। इसी तरह से सोलन व कुल्लू जिला के एक-एक बूथ पर लापरवाही के मामले सामने आए थे। सभी स्थानों पर मॉक पोल के जो मत दर्ज हुए थे, उन्हें डिलीट किए बिना प्रदेश के पांच पोलिंग बूथों पर मतदान करवाया गया।
मंडी जिले के नाहन के हरवाहनी, सरकाघाट के चौक दो व सलवाहन में मॉक पोल हटाए नहीं गए थे। कुल्लू के ढालपुर तीन पो¨लग बूथ पर भी इसी तरह का मामला सामने आया था। सोलन के नालागढ़ के कश्मीरपुर में भी इसी तरह की लापरवाही बरती गई थी। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मंगलवार को संबंधित पोलिंग बूथों के कर्मचारियों के विभागों को निलंबन की कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश जारी किए। उसके बाद स्कूलों के शिक्षकों, जो चुनाव ड्यूटी पर मौजूद थे, का दूसरे स्कूलों को तबादला होगा। निलंबन अवधि के दौरान हेडक्वार्टर फिक्स किया जाएगा।
जांच पूरी होने के बाद सर्विस बुक में रिपोर्ट दर्ज होगी। क्या होता है मॉक पोल केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश के तहत मतदान शुरू होने से पहले मतदान केंद्र पर राजनीतिक दलों, एजेंटों या प्रत्याशियों की मौजूदगी में ईवीएम में 50-50 वोट डलवाए जाते हैं। इससे यह शंका दूर की जाती है कि किसी एक दल के लिए वोट तो नहीं पड़ रहे हैं। मतदान शुरू होने से पहले मॉक पोल को डिलीट करना होता है, जो पांच केंद्रों पर नहीं किए गए। हालांकि इससे पूर्व तीन बार मतदान का प्रशिक्षण दिया गया था।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप