वायरल वीडियो झूठा, सच साबित करने वाले को दूंगा एक लाख रुपये
वायरल वीडियो मामले में पीड़िता के पति ने सरकार व भाजपा संगठन पर अनदेखी का आरोप लगाया है। -कहा, 13
जेएनएन, शिमला/कुल्लू : हिमाचल के राजनीतिक गलियारों में गूंज रहे वायरल वीडियो मामले में नया मोड़ आ गया है। पीड़िता के पति अन्य पिछड़ा वर्ग के कुल्लू जिला अध्यक्ष अश्विनी महंत ने मीडिया के सामने आकर प्रदेश सरकार व भाजपा संगठन पर इस मामले की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वीडियो किसने बनाया और वायरल किया, इसकी जांच हो। वायरल वीडियो झूठा है। वीडियो को सच साबित करने वाले को एक लाख रुपये दूंगा।
बकौल अश्विनी महंत, इस साल जून में ज्वालाजी में भाजपा की बैठक हुई थी। सचिवालय में बैठने वाले एक भाजपा नेता ने बैठक में उनकी पत्नी पर कई गंभीर सवाल उठाए व अभद्र टिप्पणी की थी। मेरी पत्नी का नाम लेकर कहा था कि उनका एक वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर पत्नी के चरित्र पर सवाल उठाए थे। हमने इस साल 13 जुलाई को भाजपा संगठन मंत्री पवन राणा को ई-मेल कर विस्तार से हर बात लिखी थी। पवन राणा से आग्रह किया था कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच करवाई जाए। तीन महीने से अधिक होने पर भी हमारी शिकायत पर भाजपा ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिस वीडियो को लेकर बात हो रही है, वो 27 अक्टूबर 2017 को वायरल हुआ था। हम इंतजार करते रहे कि इस मामले में संगठन जांच करवाएगा मगर कुछ नहीं हुआ। हार कर इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हाल ही में 31 अक्टूबर को भुंतर थाने में शिकायत की गई मगर उस पर भी कुछ नहीं हुआ। सरकार व भाजपा संगठन ने भाजपा नेता के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? इंसाफ के लिए जांच करवाए सरकार
अश्विनी महंत ने बताया कि वीडियो में उनकी पत्नी के साथ भाजपा की दो अन्य महिलाएं एक होटल में जाती नजर आ रही हैं। वे उस होटल में खाना खाने गई थीं। सवाल यह है कि होटल के सीसीटीवी कैमरा की रिकॉर्डिग से वीडियो फुटेज किसने निकलवाई। इस प्रकार की फुटेज लेने के पीछे मकसद क्या था। उन्होंने सरकार से माग की कि इस मामले की असलियत सामने लाने के लिए जांच करवाई जाए ताकि हमें इंसाफ मिल सके। उच्चस्तरीय जांच करवाएं मुख्यमंत्री
यह अत्यंत गंभीर मामला है। मुख्यमंत्री कार्यालय पर भाजपा की एक नेत्री ने आरोप लगाए हैं। इसलिए मुख्यमंत्री को तुरंत उच्चस्तरीय जांच करवानी चाहिए।
-नरेश चौहान, महासचिव, कांग्रेस मामले की तुरंत जांच हो
हालाकि यह भाजपा का आंतरिक मामला है लेकिन महिला की प्रतिष्ठा के मद्देनजर इस मुद्दे को उठाना जरूरी है। मुख्यमंत्री कार्यालय निशाने पर है। मुख्यमंत्री मामले की जांच के तुरंत आदेश दें ताकि भाजपा नेत्री द्वारा लगाए गए आरोपों की सच्चाई सामने आ सके। हैरानी है कि इतने समय से शिकायत की गई मगर उसकी जांच करवाने के बजाए भाजपा नेताओं ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। मुख्यमंत्री व आरएसएस को इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। मामले को किस स्तर पर दबाने का प्रयास हुआ, यह जांच के बाद ही सामने आयेगा।
-मुकेश अग्निहोत्री, नेता प्रतिपक्ष। नहीं मिला शिकायत पत्र
जिसके साथ घटना घटी है, वह बेहतर बता सकता है। जिसके खिलाफ आरोप हैं, उसे अपना पक्ष रखना चाहिए। मैंने पार्टी मुख्यालय में फोन कर जानकारी ली कि इस प्रकार का कोई पत्र आया है? ऐसा शिकायत पत्र नहीं मिला है। मुझे यदि फोन कर भी बताया जाता तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाती। मुझे विस्तृत तौर पर मामला स्पष्ट नहीं है।
-सतपाल सिंह सत्ती, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष महिला के आरोपों की पार्टी व सरकार गंभीर होकर जांच करे ताकि संगठन की साफ छवि को कोई नुकसान न हो।
महेश्वर ¨सह, पूर्व विधायक, कुल्लू