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शिमला में ही रहे आरट्रैक का मुख्यालय

पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर शिमला से ट्रेनिग कमांड हेडक्वार्टर आर्टरैक को उत्तर प्रदेश के मेरठ में शिफ्ट न करने की बात कहीं हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Jun 2019 08:02 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2019 08:02 PM (IST)
शिमला में ही रहे आरट्रैक का मुख्यालय
शिमला में ही रहे आरट्रैक का मुख्यालय

जागरण संवाददाता, शिमला : पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य आनंद शर्मा ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर शिमला से सेना प्रशिक्षण कमांड (आरट्रैक) के मुख्यालय को उत्तर प्रदेश के मेरठ शिफ्ट न करने का आग्रह किया है। आनंद शर्मा ने पत्र में लिखा है कि आरट्रैक मुख्यालय को बिना किसी स्पष्ट आवश्यकता और औचित्य के शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने आरट्रैक मुख्यालय को शिमला में ही रखने की मांग की है।

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आनंद शर्मा ने तर्क दिया है कि शिमला में हवाई संपर्क और फोरलेन की सुविधा है। चंडीगढ़ से महज 120 किलोमीटर दूर शिमला है। मेरठ इन सुविधाओं से दूर और नई दिल्ली एयरपोर्ट पर ही निर्भर है। वहां पहले ही उड़ानों का ज्यादा भार है। एक बड़े संस्थान को शिफ्ट करने में भारी खर्च आएगा। हिमाचल की आर्थिकी पर भी इसका विपरीत असर पड़ेगा। शिमला देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी रही है। इसके शिफ्ट होने से शिमला की गरिमा को भी नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने रक्षा मंत्री से आग्रह किया है कि आरट्रैक मुख्यालय को शिमला से शिफ्ट करने के फैसले पर दोबारा विचार किया जाए। इसे शिमला में ही रखकर राहत दी जाए।

--------- 1993 से शिमला में आरट्रैक

आरट्रैक का गठन एक अक्टूबर 1991 को हुआ था। उस समय इसकी स्थापना मध्य प्रदेश के महू में की गई थी। इसे 31 मार्च 1993 को शिमला शिफ्ट कर दिया गया। तबसे आरट्रैक शिमला में है। इसका मुख्य कार्य जवानों के प्रशिक्षण को अधिक प्रभावशाली बनाना और सेना प्रशिक्षण व युद्ध से जुड़ी विभिन्न नीतियां बनाना है। शिमला में आरट्रैक की स्थापना से पहले इस एतिहासिक भवन में 1864 से 1939 तक भारतीय सेना का मुख्यालय रहा। इसमें 1947 में स्वतंत्रता के बाद भारतीय सेना की पश्चिमी कमान बनाई गई व उसका मुख्यालय 1954 से 1985 तक यहीं रहा। 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों की योजना और संचालन यहीं से हुआ। आरट्रैक को शिमला में रखने का हर संभव प्रयास होगा : सुरेश भारद्वाज

शिक्षा मंत्री एवं शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुरेश भारद्वाज ने कहा कि आनंद शर्मा को पहले यह बताना चाहिए कि पश्चिम कमान को यहां से क्यों जाने दिया गया था। आरट्रैक को शिमला में ही रखने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। सरकार रक्षा मंत्री से यह मामला शीघ्र उठाएगी। यदि इसके बावजूद आरट्रैक को शिफ्ट किया जाता है तो सेना के किसी दूसरे केंद्र को शिमला में खोलने की मांग केंद्र सरकार से की जाएगी।

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