गुजरात राजभवन में मदिरालय हुआ तो हवन कुंड बनवाऊंगा
चार साल तक राज्य को नशा मुक्त करने की दिशा में अग्रसर रहे राज्यपाल आचार्य देवव्रत मानते हैं कि बढ़ता हुआ नशा गंभीर मामला है। नशे को खत्म करने के लिए सख्ती से निपटने की जरूरत है। आचार्य का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में नशा एक ज्वलंत समस्या है। इससे युवा पीढ़ी को बचाने के लिए अभी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। साफ शब्दों में कहा कि नशा मुक्ति की दिशा में जिस मजबूती के साथ काम होने चाहिए थे वह नहीं हो पाए। नशा मुक्ति के लिए जन आंदोलन का रूप देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर चिता जताते हुए कहा कि इसको लेकर गंभीर होने की आवश्कता है अन्यथा नशे के परिणाम चिताजनक होंगे। र
राज्य ब्यूरो, शिमला : राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि यदि गुजरात राजभवन में मदिरालय (बार) हुआ तो वहां हवन कुंड बनवाऊंगा। गुजरात में भी उनका रोजाना हवन व योग करने का क्रम जारी रहेगा। राजभवन शिमला में जो देसी गाय उन्होंने पाली है, उसे कुरुक्षेत्र स्थित गुरुकुल को उपहारस्वरूप दिया जाएगा।
आचार्य देवव्रत ने राजभवन में पत्रकारों से कहा कि बढ़ता हुआ नशा गंभीर मामला है। नशे को खत्म करने के लिए सख्ती से निपटने की जरूरत है। हिमाचल में नशा एक ज्वलंत समस्या है। इससे युवा पीढ़ी को बचाने के लिए अभी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। नशामुक्ति की दिशा में जिस मजबूती के साथ काम होने चाहिए थे, वे नहीं हो पाए। नशामुक्ति के लिए जन आंदोलन की जरूरत है। इस संबंध में गंभीर होने की आवश्कता है अन्यथा नशे के परिणाम चिताजनक होंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल में उन्हें चार साल के कार्यकाल के दौरान सत्ता पक्ष व विपक्ष का पूर्ण सहयोग मिला। गुजरात में भी जारी रहेगा प्राकृतिक खेती का मिशन
आचार्य देवव्रत ने गुजरात जैसे प्रगतिशील राज्य का उन्हें राज्यपाल बनाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि गुजरात में भी उनके प्राकृतिक खेती सहित अन्य मिशन जारी रहेंगे। उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता, पर्यावरण, जल संकट, समरसता, नशामुक्ति तथा प्राकृतिक खेती की दिशा में पहल की है। प्राकृतिक खेती की दिशा में हिमाचल के किसान आगे बढ़े हैं। प्रदेश के 10 हजार किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। वह प्राकृतिक खेती को लेकर गुजरात से भी हिमाचल आते रहेंगे। प्राकृतिक खेती से भूमि की उर्वरा शक्ति बरकरार रहने के साथ पर्यावरण की भी रक्षा होती है। यह खेती करने में पानी कम इस्तेमाल होता है। गुजरात में भी जल संकट है। ऐसे में वहां प्राकृतिक खेती लाभदायक होगी। लुप्त होती भारतीय नस्ल की गाय का संरक्षण होगा। गाय किसानों की आय दोगुना करने में समर्थ है। इस दौरान कृषि मंत्री डॉ. राम लाल मार्कंडेय भी मौजूद थे। देवव्रत 22 को लेंगे गुजरात के राज्यपाल की शपथ
आचार्य देवव्रत गुजरात के राज्यपाल के रूप में 22 जुलाई को शपथ लेंगे। उन्होंने कहा कि वह हिमाचल में एक परिवार की तरह रहे हैं। प्रदेश के लोग भले व सज्जन हैं।