तीन साल में बीपीएल से हटाए अपात्र 49471 परिवार
तीन साल में गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवार (बीपीएल) के चयन में बड़
रमेश सिगटा, शिमला
तीन साल में गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवार (बीपीएल) के चयन में बड़े पैमाने पर शिकायतें आईं। इनके आधार पर 49471 परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर कर दिया है, जबकि 71 शिकायतें अभी लंबित हैं। ऐसे परिवारों के चयन के लिए 13 मानक तय हैं। अब अप्रैल में होने वाली पंचायतों की पहली ग्राम सभा की बैठ में सूची की समीक्षा होगी।
वीरवार को यह मामला भाजपा विधायक एवं योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला ने उठाया। उन्होंने जानना चाहा कि अब तक अपात्रों के खिलाफ सरकार ने क्या कारवाई की है। उनके सवाल के लिखित जवाब में ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सभी पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी। गौर रहे कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक 13 मानकों के आधार पर बीपीएल परिवारों का सर्वेक्षण एवं चयन किया जाता है। हर मानक में शून्य से चार अंक प्रदान किए जाते हैं। बीपीएल में चयन के 13 मानक
- क्रियाशील जोत की भूमि का आकार समूह
- मकान का प्रकार
- पहनने के कपड़ों की उपलब्धता
- भोजन की सुनिश्चितता
- स्वच्छता
- उपभोक्ता चिरस्थायी सामान का स्वामित्व
-व्यस्क की साक्षरता की स्थिति
- परिवार मजदूर बल की स्थिति
- ऋण की किस्म
- परिवार में प्रवास का कारण
- सहायता की प्राथमिकता हर साल होगी समीक्षा
बीपीएल सूची की हर साल अप्रैल में समीक्षा होगी। 13 जुलाई 2018 में सरकार ने यह फैसला लिया था। ताजा निर्देश के अनुसार ग्राम सभा की अप्रैल में होने वाली पहली बैठक से पूर्व बीडीओ तीन सदस्यीय कमेटी गठित करेंगे। यह कमेटी सभी आवेदनों की जांच करेगी और इसे स्वीकृति के लिए ग्राम सभा के सामने पेश करेगी। ये नहीं हो सकते पात्र
- दो हेक्टेयर से असिचित जमीन हो और एक हेक्टेयर से कम सिचित जमीन हो
- ऐसे परिवार जिनके पास रहने को शहरी प्रकार का पक्का मकान हो
- जिस परिवार का कोई भी सदस्य आयकरदाता हो
-जिस परिवार के पास चार पहिये वाला वाहन हो
- मासिक आमदनी 2500 रुपये से अधिक हो
- सरकारी या नियमित गैर सरकारी नौकरी हो
ग्राम सभा को बाहर करने का अधिकार
ग्राम सभा बीपीएल परिवार से नाम बाहर करने का अधिकार रखती है। शिकायत के आधार पर एसडीएम भी ऐसे आदेश जारी कर सकते हैं। चयन होने पर एसडीएम के पास एक माह के अंदर अपील हो सकती है। उनसे भी सहमत न हों तो अगले एक माह के अंदर उपायुक्त के पास भी शिकायत कर सकते हैं। यदि बीपीएल प्रमाण पत्र झूठा या गलत पाया गया तो सचिव, सहायक, प्रधान के खिलाफ दंडनीय कार्रवाई हो सकती है। लाभ प्राप्त करने वाले को सेवा से बर्खास्त करने के अलावा एफआइआर दर्ज होने का प्रविधान है।