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कोरोना ने बदला स्कूलों में पढ़ाई का तरीका

रामेश्वरी ठाकुर शिमला विश्वव्यापी कोरोना महामारी ने आम जीवन पर कई तरह से असर डाला ह

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 11:42 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 11:42 PM (IST)
कोरोना ने बदला स्कूलों में पढ़ाई का तरीका
कोरोना ने बदला स्कूलों में पढ़ाई का तरीका

रामेश्वरी ठाकुर, शिमला

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विश्वव्यापी कोरोना महामारी ने आम जीवन पर कई तरह से असर डाला है। काम करने के तरीके से लेकर रहन-सहन का तरीका पूरी तरह से बदल गया है। शिक्षा का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा है। लंबे इंतजार के बाद शिमला में सरकारी और निजी स्कूल खुल चुके हैं लेकिन महामारी के खतरे ने पढ़ाई का तरीका बदल दिया है।

कई निजी स्कूल प्रबंधनों ने खतरे को भांपते हुए स्कूल लगने का समय बदल दिया है। कॉलेजों में अधिक भीड़ होने के चलते ईवन और ऑड रोल नंबर के हिसाब से कक्षाएं चल रही हैं। निजी स्कूलों ने लंच टाइम खत्म कर दिया है। इसके लिए ऐसे स्कूलों ने बिना ब्रेक के कक्षाएं बैठाना शुरू कर है। सुबह नौ बजे से दोपहर तक बिना ब्रेक के कक्षाएं शुरू की गई हैं और इसके बाद छुट्टी कर दी जाती है। बच्चों को लंच बॉक्स लाने की इजाजत नहीं दी है ताकि वे शारीरिक दूरी का उल्लंघन करते हुए साथ में भोजन न कर सकें। वहीं सरकारी स्कूलों में भी मिड-डे मील का राशन घर भेजा जा रहा है। स्कूलों व कॉलेजों में छात्रों के लिए उचित शारीरिक दूरी के साथ बैठने की व्यवस्था की गई है। न लंच ब्रेक न ही खेल की क्लास, कक्षा में पेंसिल रबड़ भी बदलने पर रोक

लक्कड़ बाजार स्कूल के प्रधानाचार्य भूपेंद्र सिंह का कहना है कि स्कूल में कोरोना संक्रमण से बचाव करने के लिए हरसंभव व्यवस्थाएं की हैं। बच्चों को भी नियमित रूप से उचित शारीरिक दूरी, मास्क पहनने और लगातार हाथ धोने के प्रति जागरूक किया जा रहा है। बच्चों को स्कूल में लंच ब्रेक नहीं हैं, खेल की क्लास तक नहीं है। कक्षा में बच्चों को आपस में पेंसिल व रबड़ के लेनदेन पर भी रोक है। स्कूल व कॉलेजों ने इस तरह बरती सावधानियां

स्कूलों व कॉलेजों में सैनिटाइजर, हैंडवाश, थर्मल स्कैनिग की व्यवस्था के साथ अगर किसी छात्र, शिक्षक या अन्य कर्मचारी को खांसी, जुकाम या बुखार के लक्षण हैं तो उन्हें स्कूल न आने की छूट है। प्रवेश व छुट्टी के समय गेट पर उचित शारीरिक दूरी के नियम का पालन सुनिश्चित किया जाता है। स्कूल व कॉलेज प्रबंधकों की ओर से अतिरिक्त मास्क उपलब्ध रखे जाते हैं, ताकि जरूरत होने पर छात्रों को मास्क उपलब्ध करवाए जाएं।


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