कांप्लेक्स स्कूलों में सेवानिवृत्त अधिकारी करेंगे विद्यार्थियों का मार्गदर्शन
शिक्षा में गुणवत्ता लाने के मकसद से प्रदेश सरकार अब कांप्लेक्स स्कूल
जागरण संवाददाता, शिमला : शिक्षा में गुणवत्ता लाने के मकसद से प्रदेश सरकार अब कांप्लेक्स स्कूलों का निर्माण करेगी। पांच किलोमीटर के दायरे में जितने भी प्राइमरी, उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल होंगे, उन्हें कांप्लेक्स स्कूल के अधीन लाया जाएगा। एक कलस्टर के अधीन कम से कम चार व अधिक 12 स्कूलों को शामिल किया जा सकता है। विद्यार्थियों की संख्या 200 व 2000 के मध्य होनी चाहिए। सबसे अधिक विद्यार्थियों वाले वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल को कांप्लेक्स स्कूल का दर्जा दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग ने सोमवार को कांप्लेक्स स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। निदेशक (उच्चतर शिक्षा) डा. अमरजीत शर्मा की ओर से इस संबंध में सभी जिलों के प्रारंभिक व उच्चतर शिक्षा विभाग के शिक्षा उपनिदेशकों को सर्कुलर जारी किया है। उन्हें कहा गया है कि जिन स्कूलों को कांप्लेक्स स्कूल बनाना है, उनकी सूची तैयार कर 15 मार्च तक निदेशालय को भेज दें।
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स्कूलों में बनेंगे बाल भवन, सेवानिवृत्त अधिकारी करेंगे मार्गदर्शन
कांप्लेक्स स्कूलों में बाल भवन का निर्माण किया जाएगा। इसमें हर उम्र के विद्यार्थी कला, खेल, करियर संबंधी गतिविधियों में भाग ले सकेंगे। बाल भवन में बच्चों का स्वेच्छा से मार्गदर्शन करने के लिए सेवानिवृत्त आइएएस, आइपीएस, एचएएस अधिकारियों सहित पूर्व सैनिक, कर्मचारी व नामी खिलाड़ियों को बुलाया जाएगा। इनके मार्गदर्शन शिविर लगेंगे। स्कूलों के पूर्व विद्यार्थियों और समुदाय की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी।
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ये होगा फायदा
शिक्षा विभाग के मुताबिक कांप्लेक्स स्कूल नया कांसेप्ट है। स्कूलों में कई प्रशासनिक निर्णय लेने के लिए निदेशालय तक फाइल जाती है। कांप्लेक्स स्कूल के प्रधानाचार्य अपने स्तर पर इसके लिए निर्णय लेने के लिए अधिकृत होंगे। यदि किसी स्कूल में शिक्षक नहीं हैं तो वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर दूसरे स्कूल के उसी विषय के शिक्षक को कक्षाएं लेने भेजा जा सकता है। वर्चुअली कक्षाएं लेने का भी प्रविधान होगा। इसके अलावा खेल गतिविधियां, कला, व्यवसायिक विषयों, कंप्यूटर लैब के आदान-प्रदान में स्कूल एक-दूसरे की मदद ले सकेंगे। स्कूल कांप्लेक्स प्रबंधन समिति का गठन होगा। इसमें एसएमसी स्कूल के अध्यक्ष को ही कलस्टर स्कूल का अध्यक्ष बनाया जाएगा। सदस्य सचिव स्कूल का मुखिया होगा। इसमें छह सदस्य होंगे। एक महिला सदस्य को भी शामिल किया जाएगा। शिक्षाविद, कनिष्ठ अभियंता भी इसमें शामिल होंगे।