आइजीएमसी सड़क बनी गाड़ियों की पार्किंग
जागरण संवाददाता शिमला शहर में मनचंदा मेडिकल स्टोर से लेकर इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज
जागरण संवाददाता, शिमला : शहर में मनचंदा मेडिकल स्टोर से लेकर इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) की ओर जाने वाली सड़क किनारे स्थानीय लोगों की गाड़ियां अस्पताल प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन गई हैं। आसपास रहने वाले लोगों की गाड़ियां सड़क के दोनों ओर खड़ी रहती हैं। ऐसे में सड़क काफी संकरी हो जाती है।
प्रशासन के बार-बार इन्कार करने के बावजूद लोग गाड़ियां नहीं हटाते हैं। इस रास्ते से रोजाना सैकड़ों मरीज आवाजाही करते हैं। अकसर स्थानीय लोग यहां गाड़ियां पार्क करने और निकालने में लगे रहते हैं। इससे लगातार जाम की स्थिति भी बनी रहती है। ऐसे में मरीजों को आवाजाही में परेशानी आती है। इसके अलावा इस रास्ते से मरीज सीधा अस्पताल के अल्ट्रासाउंड यूनिट, एक्स-रे और सांस रोग विभाग में जांच व टेस्ट करवाने पहुंचते हैं। अस्पताल प्रशासन की ओर से कई बार पुलिस विभाग को सूचित किया जा चुका है। पुलिस चालान काट जाती है, लेकिन चालान देने के बावजूद लोग यहां फिर गाड़ी खड़ी कर देते हैं। बैरियर बनाने की योजना
आइजीएमसी के एमएस डा. जनकराज का कहना है कि मामले को लेकर विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। आइजीएमसी में ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ बनाने के लिए ऑटोमेटिक बैरियर लगेगा। इससे डाक्टरों और कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। केवल वही गाड़ियां अस्पताल परिसर में प्रवेश कर सकेंगी जिनमें विशेष प्रकार का टैग लगा हुआ होगा। बैरियर टैग को स्कैन करेगा जिससे उस वाहन को अंदर भेजने की अनुमति मिलेगी। जिन वाहनों में टैग नहीं होगा उन वाहनों को वापस जाना पड़ेगा। शहर में है पार्किंग की दिक्कत
शिमला शहर में पार्किग की काफी दिक्कत है। पार्किंग न होने के कारण स्थानीय लोगों को सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करने पर मजबूर होना पड़ता है। आए दिन लोगों को चालान झेलने पड़ते हैं। आइजीएमसी में रोजाना दो से तीन हजार लोग जांच करवाने पहुंचते हैं। ऐसे में सैकड़ों मरीज अपने वाहन के साथ अस्पताल आते हैं। अस्पताल में पार्किग की सुविधा न होने पर उन्हें अस्पताल से कई किलोमीटर दूर गाड़ी पार्क करने जाना पड़ता है। आने वाले समय में अस्पताल के समीप बहुमंजिला पार्किग की सुविधा मिलने वाली है तो यह परेशानी दूर होने की उम्मीद है।