600 फ्रंटलाइन वर्करों की दो बार हुई वैक्सीन लगाने के लिए एंट्री
जागरण संवाददाता शिमला राजधानी शिमला में कोरोना रोधी वैक्सीनेशन प्रक्रिया में जिले के कर
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला में कोरोना रोधी वैक्सीनेशन प्रक्रिया में जिले के करीब 600 फ्रंटलाइन वर्करों के नाम दो बार दर्ज करने का मामला सामने आया है। इनके नाम की दो आइडी जेनरेट हो गई हैं, इस कारण वैक्सीनेशन के आंकड़े गड़बड़ा रहे हैं। इससे विभाग को इन कर्मियों का डाटा व्यवस्थित करने में परेशानी आ रही है।
शिमला में नौ फरवरी के बाद फ्रंटलाइन वर्करों को कोरोना की वैक्सीन लगना शुरू हुई थी। इस अभियान के तहत करीब 11 हजार 818 वर्करों को वैक्सीन लगाई जानी है। इनमें से अभी तक करीब 26 फीसद फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
सीएमओ डा. सुरेखा चोपड़ा ने बताया कि कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में नगर निगम शिमला के जनप्रतिनिधि, सेना, पुलिस, सफाई कर्मचारी और पंचायती राज विभाग के फ्रंटलाइन वर्करों को टीका लगाया जा रहा है। इसमें पंचायती राज विभाग के करीब 600 कर्मचारियों का डुप्लीकेसी का मामला सामने आया है। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए कई विभाग अपने स्तर पर आइडी जेनरेट कर रहे हैं। इसे ऑनलाइन ही अपलोड किया जा रहा है। पहले चरण में स्वास्थ्य विभाग ने यह जिम्मेदारी उठाकर स्वयं स्वास्थ्य कर्मियों की आइडी जनरेट की थी। इसमें किसी तरह की कोई डुप्लीकेसी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरे चरण का अभियान पहली मार्च तक चलेगा। इसके बाद दूसरे डोज की प्रक्रिया शुरू होगी। दो दिन में दुरुस्त होगी सूची
विभाग का कहना है कि गड़बड़ाए आंकड़ों की सूची को दो दिन के भीतर दुरुस्त किया जाएगा। इससे वैक्सीन लगाने और डाटा व्यवस्थित करने में सहायता मिलेगी। वहीं ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।