हड़पी छात्रवृत्ति का शराब के ठेकों में किया निवेश
राज्य ब्यूरो शिमला चंडीगढ़ के आइटीएफटी में प्रति माह 25000 पगार लेने वाले सिरसा निवास
राज्य ब्यूरो, शिमला : चंडीगढ़ के आइटीएफटी में प्रति माह 25,000 पगार लेने वाले सिरसा निवासी कृष्ण कुमार और खरड़ निवासी राजदीप सिंह छात्रवृत्ति का पैसा हड़प कर रातोंरात करोड़पति बन गए। वे छात्रवृत्ति घोटाले के मुख्य आरोपित शिमला के कोटखाई निवासी अरविद राजटा के संपर्क में आए तो एडवांस स्किल एंड मैनेजमेंट स्टडीज ग्रुप गठित किया। इनमें राजटा की पत्नी बबीता को भी पार्टनर बनाया। बाद में कृष्ण कुमार ने छात्रवृत्ति के पैसों को शराब के ठेकों में निवेश किया। इसकी सिरसा में शराब की कई कंपनियां हैं। दोनों ही अब न केवल आरोपित हैं बल्कि सीबीआइ की गिरफ्त में हैं।
नाइलेट के खोले फर्जी संस्थान
आरोपित कृष्ण कुमार, राजदीप व बबीता ने हिमाचल के चंबा, कांगड़ा, ऊना, सिरमौर में नाइलेट के नाम से फर्जी संस्थान खोले। इनके नाम पर फर्जी दाखिलों से 30.30 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति हड़पी। अब इनके खिलाफ जल्द ही चार्जशीट दाखिल होगी। राजटा से हुई थी जान-पहचान
दोनों आरोपितों की राजटा के साथ जान-पहचान हुई। तब राजटा शिक्षा विभाग में सीनियर असिस्टेंट था। वही छात्रवृत्ति ब्रांच का डीलिग हैंड था व बड़े संस्थानों के कर्ताधर्ताओं से होटलों में मुलाकात करता था। वहीं पर सारी डील होती थी। एक मोबाइल फोन नंबर का कई जगह हुआ प्रयोग
शिक्षा विभाग की प्रारंभिक जांच के अनुसार वर्ष 2013-14 में प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति में कुल 4,08,74,620 रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। इसमें 2320 आवेदनों में कई बार एक ही मोबाइल फोन नंबर का प्रयोग किया गया। 2016-17 में प्री मैट्रिक में कुल 6,00,18,750 रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई, जिसमें 296 आवेदनों में एक ही मोबाइल फोन नंबर का प्रयोग कई बार हुआ। इसी वित्तीय वर्ष में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत 59,58,17,554 रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई, जिसमें 2727 आवेदनों में भी एक से अधिक बार एक की मोबाइल फोन नंबर का प्रयोग किया गया। आज अदालत में पेश होंगे आरोपित
छात्रवृत्ति घोटाले के तीन आरोपित कृष्ण कुमार, राजदीप सिंह व बबीता राजटा को सीबीआइ शनिवार को शिमला की एक कोर्ट में पेश करेगी। इन्हें पांच दिन का पुलिस रिमांड मिला था। अब सीबीआइ दोबारा कुछ दिन का और पुलिस मांग सकती है। इस बीच इनसे कड़ी पूछताछ की जा रही है। इन तीनों के बयान कलमबद्ध किए गए हैं। कृष्ण को सिरसा, राजदीप को खरड़ और बबीता को शिमला से गिरफ्तार किया गया था। इस संबंध में जांच एजेंसी ने बबीता के भाई राकेश घास्टा के कोटखाई क्षेत्र के एक गांव में दबिश दी थी। सिरसा, खरड़ में अलग से दबिश दी गई थी। इस दौरान कई अहम दस्तावेज कब्जे में लिए गए थे। पंचकुला में बैंक खाता
एएसए मार्केटिग सोल्यूशन के नाम से इलाहाबाद बैंक, पंचकुला में बैंक खाता खुलवाया। इसमें पता नाहन का लिखवाया है। 2013 के बाद इन संस्थानों के इस खाते में करोड़ों रुपये जमा हुए हैं। सीबीआइ जांच कहती है कि पार्टनरशिप डील में अरविद ने खुद पत्नी के जाली हस्ताक्षर किए थे। इन हस्ताक्षरों की जांच हो रही है। इनमें कंप्यूटर से सबंधित छह माह, एक साल व दो साल के डिप्लोमा एवं डिग्री कोर्स करवाए जाते थे, लेकिन जांच में विद्यार्थियों ने बताया है कि उनके कागजात एक बार ले लिए जाते थे, उसके बाद उन्हें आगे का कोई पता नहीं होता था।