रेन बसेरा का टेंडर करने पर विवाद
आइजीएमसी शिमला प्रशासन द्वारा कैंसर अस्पताल के मरीजों के लिए बनाए गए
जागरण संवाददाता, शिमला : आइजीएमसी शिमला प्रशासन द्वारा कैंसर अस्पताल के मरीजों के लिए बनाए गए रेन बसेरा का टेंडर करने पर विवाद खड़ा हो गया है। आइजीएमसी के कैंसर अस्पताल में कीमो थैरेपी करवाने आने वाले मीरजों के लिए रेन बसेरा बनाया गया था। आइजीएमसी प्रशासन ने इसका टेंडर कर दिया है। इसमें अब व्हीलचेयर व स्ट्रेचर के अलावा लंगर चलाया जाएगा।
अलमाइटी ब्लेसिग संस्था के अध्यक्ष सर्वजीत सिंह बॉबी ने आइजीएमसी प्रशासन द्वारा रेन बसेरे का टेंडर करने का विरोध किया है। उन्होंने शिमला में पत्रकारों से कहा कि आइजीएमसी प्रशासन राजनीति कर रहा है। कैंसर अस्पताल के पास चल रहे निशुल्क लंगर में बाधा पहुंचाई जा रही है। आइजीएमसी में कोई और संस्था लंगर चलाना चाहती है तो प्रशासन अन्य स्थान पर उसे जगह उपलब्ध करवाए। इससे मरीजों को सुविधा होगी। मरीजों की सुविधा छीनकर दूसरी सुविधा देने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा नियमों को ताक पर रखकर टेंडर किया गया है। एक ही निविदा आने पर टेंडर अलॉट कर दिया है, जबकि नियमों के तहत टेंडर प्रक्रिया में तीन लोगों का शामिल होना आवश्यक होता है। दूसरा टेंडर में प्रशासन ने कई बातों को छुपाया है। उन्होंने दावा किया कि उनके निजी फंड से रेन बसेरे का निर्माण किया गया था। इसके साथ वह लंगर भी चला रहे हैं लेकिन प्रशासन द्वारा अब उनसे यह छीना जा रहा है।
40 मरीजों के ठहरने की है व्यवस्था
कैंसर अस्पताल के पास बने रेन बसेरा में 40 मरीजों को ठहरने की व्यवस्था है। प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों से कैंसर अस्पताल में कीमो थैरेपी करवाने आने वाले मरीजों को आइजीएमसी में महीनों तक रुकना पड़ता है। ऐसे में गरीब मरीजों के लिए रेन बसेरा ही आसरा होता है। अब आइजीएमसी प्रशासन द्वारा इसे अन्य काम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इस कारण मरीजों को अब पैसे देकर बाहर ठहरने या खुले आसमान के नीचे रातें गुजारने के लिए विवश होना पड़ेगा। उन्होंने रेन बसेरे को यथावत रहने देने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन ने टेंडर रद नहीं किया तो वह मंगलवार से रिज मैदान पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।