स्वजनों का सहारा, जज्बा अपना
पंचायत चुनाव के पहले चरण में जिला शिमला में बड़ी संख्या में बुजुर्ग
जागरण संवाददाता, शिमला : पंचायत चुनाव के पहले चरण में जिला शिमला में बड़ी संख्या में बुजुर्ग मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति बुजुर्ग मतदाताओं की आस्था देखते ही बन रही थी। बड़ी संख्या में ऐसे बुजुर्ग बूथों तक पहुंचे थे, जो खुद चल पाने में सक्षम भी नहीं थे। अपनों के सहारे वे मतदान केंद्रों तक पहुंचे। दिव्यांगों में भी लोकतंत्र के प्रति काफी उत्साह दिखा। मतदान केंद्रों के बाहर बुजुर्गो ने युवाओं का मार्गदर्शन भी किया। उन्हें हर बार मतदान के लिए प्रेरित किया।
जिला शिमला की डूमी पंचायत में 75 वर्षीय कौशल्या मतदान केंद्र में पहुंची थीं। अपनी बहू के साथ मतदान केंद्र तक पहुंची कौशल्या ने कहा कि वर्षो से मतदान कर रही हूं। पंचायत चुनाव गांव के विकास का एक माध्यम है। 63 वर्षीय हेमावती का कहना है कि मतदान हमारा अधिकार है। सरकार चुनने का मौका मतदान से मिलता है, जो मतदान नहीं करते उन लोगों को बाद में कोसने का भी कोई अधिकार नहीं है। पहले मतदान करे इसके बाद ही यदि विकास न हो तो प्रत्याशी से पूछें सरकार रेडियो और टीवी में रोजाना इसके बारे में बताती रहती है।
बल्देयां बूथ पर 97 वर्षीय माठू राम मतदान करने के बाद कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र है, जहां पंचायत स्तर से लेकर संसद तक अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है। अगर प्रत्याशी ठीक से कार्य न करे, तो हम वोट के अधिकार का उपयोग करते हुए उसे बदल भी सकते हैं। इस अधिकार का सभी को इस्तेमाल करना चाहिए।
70 वर्षीय मेहर सिंह ने कहा कि गांव की समस्याओं का समाधान तभी हो सकता है, अगर गांव में एक मजबूत व सशक्त व्यक्ति जीतकर आए। यह तभी हो पाएगा, जब हर नागरिक अपने मत का कर्तव्य समझकर इस्तेमाल करे। बलग पंचायत की 95 वर्षीय शोभा देवी ने कहा कि कई बार मतदान कर चुकी हूं। यह आवश्यक भी है। चलने फिरने में असमर्थ हूं, लेकिन अपने बच्चों के सहारे मतदान केंद्र तक पहुंची हूं। बच्चों को भी मतदान करने के लिए प्रेरित करती हूं, जिससे अच्छे व्यक्ति का चुनाव हो सके और गांव का विकास हो।