मानदेय में बढ़ोतरी के लिए बोला हल्ला
जागरण संवाददाता शिमला आंगनबाड़ी आशा व मिड डे मील वर्कर्स की अखिल भारतीय संयुक्त समिति
जागरण टीम, शिमला/रामपुर बुशहर : आंगनबाड़ी, आशा व मिड डे मील वर्कर्स की अखिल भारतीय संयुक्त समिति के आह्वान पर शुक्रवार को सीटू के बैनर तले शिमला के उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया। आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स यूनियन की प्रदेशाध्यक्ष नीलम जसवाल व महासचिव राजकुमारी, मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की प्रदेशाध्यक्ष कांता महंत व महासचिव हिमी कुमारी ने केंद्र सरकार से वर्ष 2013 में हुए भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी, मिड डे मील व आशा कर्मियों को नियमित करने की मांग की। साथ ही आंगनबाड़ी व आशा कर्मियों को हरियाणा की तर्ज पर वेतन देने, मिड डे मील वर्कर्स के लिए न्यूनतम वेतन 8250 रुपये लागू करने की मांग की है।
उन्होंने योजनाकर्मियों के लिए पेंशन, ग्रेच्युटी, मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा लागू करने की भी मांग की है। उनका कहना है कि सरकार प्री-नर्सरी कक्षाओं का जिम्मा आंगनबाड़ी वर्कर्स को दे क्योंकि वे प्रशिक्षित कर्मी हैं। इसकी एवज में उनका मानदेय बढ़ाया जाए व उन्हें नियमित किया जाए।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आशा कर्मियों ने फ्रंटलाइन वॉरियर की तरह कार्य किया। इसलिए उनकी सेवाओं के मध्यनजर उन्हें हरियाणा की तर्ज पर मानदेय व सुविधाएं मिलनी चाहिए। शिमला, रामपुर, रोहड़ू, सोलन, अर्की, नालागढ़, नाहन, शिलाई, मंडी, जोग्रेंद्रनगर, सरकाघाट, सुंदरनगर, करसोग, कुल्लू, बंजार, आनी, हमीरपुर, नादौन, रैत, शाहपुर, नगरोटा सूरियां, धर्मशाला, पालमपुर, बैजनाथ, लंबगांव, टापरी, रिकांगपिओ, चंबा, चुवाड़ी, तीसा, सलूणी, ऊना, अंब, गगरेट ,बंगाणा, संतोषगढ़ सहित कई स्थलों पर धरने प्रदर्शन किए गए। आंगनबाड़ी व मिड डे मील वर्कर्स ने केंद्र व प्रदेश सरकार को चेताया कि अगर आइसीडीएस, मिड डे मील व नेशनल हेल्थ मिशन जैसी परियोजनाओं का निजीकरण किया गया व आंगनबाड़ी, मिड डे मील व आशा वर्कर्स को नियमित कर्मचारी घोषित न किया गया तो देशव्यापी आंदोलन और तेज होगा। रामपुर बुशहर में हुए धरना प्रदर्शन में संगीत, मीना, रमेश, शक्ता, जगदीश, ममता, सरिता, लायक राम, हिमी, सुमन, सुषमा, संध्या, मीरा, चंपा, सुमा, शांता, शुकान्तला, हियूं देवी, संपत्ति, सेवा राम, किरता देवी, जीत राम, बिमला, सीता, श्यामा, तारा, विजय लक्ष्मी आदि उपस्थित रहे।