प्रार्थना सभा में विद्यार्थी पढ़ेंगे संस्कृत के श्लोक
प्रदेश में संस्कृत को बोलचाल की भाषा बनाने के लिए प्रयास तेज हो गए ह
जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश में संस्कृत को बोलचाल की भाषा बनाने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। सरकार के अलावा संस्कृत अकादमी, शिक्षा विभाग इस दिशा में कार्य कर रहा है। सोमवार को संस्कृत दिवस के मौके पर वेबिनार के दौरान शिक्षकों से शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्कूलों की प्रार्थना सभा में रोजाना संस्कृत श्लोक बोले जाएंगे। संस्कृत की कक्षा में विद्यार्थी व अध्यापक संस्कृत में ही बात करें, इसका भी प्रावधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत फिर विश्व गुरु बनेगा और इसके लिए संस्कृत का अहम योगदान होगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हर तरह का ज्ञान और विज्ञान संस्कृत भाषा में समाहित है। वेबिनार के प्रथम सत्र को शहरी विकास एवं कानून मंत्री सुरेश भारद्वाज ने संबोधित किया। संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ. भक्त वत्स ने अकादमी के कार्यो की जानकारी दी।
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नई शिक्षा नीति लागू करने का मिला सौभाग्य
शिक्षा मंत्री गोविद ठाकुर ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करने का उन्हें सौभाग्य मिला है। इसके लिए जल्द ही सचिव सहित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। नीति को लागू करने से पहले जो बदलाव करने होंगे, उन्हें किया जाएगा। संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ. भक्त वत्सल ने कहा कि अकादमी ऑनलाइन और ऑफलाइन कार्यक्रम भी शुरू कर रही है।