स्कूल खोलने पर अभिभावकों से दोबारा ली जाएगी राय
सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई में अभिभावकों की शंकाओं का
जागरण संवाददाता, शिमला : राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में 31 जुलाई तक अवकाश घोषित किया है। पहली अगस्त से स्कूल खुलने की संभावना न के बराबर है। शिक्षा विभाग चार अगस्त से होने वाली ई-पीटीएम के माध्यम से दोबारा अभिभावकों से राय लेने जा रहा है। इसमें पूछा जाएगा कि सूबे में स्कूल खुलने चाहिए या नहीं। इससे पहले दो बार अभिभावकों की राय ली जा चुकी है। दोनों में ही विरोधाभास था। गैर सरकारी संस्था ने जो राय ली है उसमें अभिभावकों ने कहा है कि वे बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं, जबकि विभाग ने अपने स्तर पर जो राय ली है उसमें अभिभावकों ने इंकार किया है।
ऑनलाइन पढ़ाई की शंकाएं होंगी दूर
ई-पीटीएम के माध्यम से इस पर दोबारा राय ली जाएगी। ई-पीएटीएम में सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई में अभिभावकों की शंकाओं का निवारण किया जाएगा। इसमें अभिभावक बेझिझक बताए सकते हैं कि शिक्षक कैसे पढ़ा रहे हैं, बच्चों को समझ आ रहा है या उनकी नजर में इसमें कोई बदलाव होना चाहिए। आने वाले सुझाव इसके आधार पर इसमें और ज्यादा बदलाव किए जाएंगे। शिक्षामंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना है कि स्कूल बंद होने से अभिभावक शिक्षकों से बात नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए ई-पीटीएम के माध्यम से इस संवाद को दोबारा बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
31 जुलाई तक दाखिले करें पूरे
राज्य के स्कूलों में अभी भी दाखिलों की प्रक्रिया चली हुई है। शिक्षा विभाग ने बुधवार को सर्कुलर जारी कर सभी स्कूलों में 31 जुलाई तक इस प्रक्रिया को पूर्ण करने को कहा है। निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा ने कहा है कि ऑनलाइन, वाट्सएप या फोन के जरिए किए आवेदनों पर भी दाखिला दिया जाए।
नशे के खिलाफ किया जाएगा जागरूक
सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई के साथ नशे के खिलाफ भी जागरूक किया जाएगा। हर घर पाठशाला कार्यक्रम के साथ यह अभियान चलेगा। इसमें कक्षा पांच से 12वीं तक के छात्रों को नशे के दुष्प्रभाव का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। स्कूलस्तर पर कई स्पर्धा होंगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में इस मसले पर चर्चा की थी। इसके बाद इस अभियान को शुरू किया जा रहा है। विद्यार्थियों को नशे के खिलाफ जागरूक करने के लिए शिक्षा विभाग इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रहा है। सामाजिक अध्ययन की पाठ्य पुस्तक में नशे से बचाव का पाठ शामिल किया जाएगा।