शिमला में लगेंगी बिजली की घरेलू दरें
नगर निगम शिमला शहर के मर्ज एरिया के हजारों लोगों को महंगे व्यावसायिक बिजली बिलों से राहत देने की तैयारी में है।
जागरण संवाददाता, शिमला : नगर निगम शिमला शहर के मर्ज एरिया के हजारों लोगों को महंगे व्यावसायिक बिजली बिलों से राहत देने की तैयारी में है। मर्ज एरिया के हजारों लोगों को अभी तक व्यावसायिक दर पर बिजली बिलों का भुगतान करना पड़ रहा है। मर्ज एरिया के लोगों ने सुझाव दिया था कि पेयजल की तर्ज पर बिजली बिलों को भी घरेलू दरों पर वसूल किया जाए। नगर निगम के बुधवार को हुए मासिक सदन में इस प्रस्ताव को पास किया गया और सरकार के समक्ष मंजूरी के लिए भेजा गया।
पार्षद संजय परमार ने कहा कि पानी की दरों में जब छूट दी जा सकती है तो बिजली के बिलों में क्यों नहीं। बिजली बिलों में भी छूट दी जानी चाहिए। फिलहाल प्रस्ताव को मंजूरी के लिए सरकार के समक्ष भेजा गया है। हालांकि, इस प्रस्ताव को मंजूरी देना आसान नहीं होगा। साथ ही निगम के बायलॉज में बदलाव भी करना पड़ सकता है। इसलिए महंगी दरें देने को मजबूर हैं लोग
नगर निगम ने 1998 और 2006 में शहर से सटे पंचायती इलाकों को भी नगर निगम एरिया में शामिल कर लिया था। निगम में मर्ज हुए इन इलाकों के ज्यादातर भवन बिना नक्शे के बने हैं। निगम सिर्फ उन भवनों को घरेलू कनेक्शन देता है जिनके नक्शे एमसी से पास हैं। अब इन इलाकों के हजारों लोगों का कहना है कि पंचायती इलाके में ऐसे कोई नियम नहीं थे। ऐसे में ज्यादातर लोगों के मकान बिना नक्शों के बने हैं। हालांकि नगर निगम पानी की दरों में पहले ही छूट दे चुका है। पहले नगर निगम द्वारा पानी की दरें भी इन भवन मालिकों से व्यावसायिक वसूली जाती थीं। लेकिन शिमला जल प्रबंधन निगम की बीओडी में इसे राहत दी गई है। हिम ऊर्जा लगाएगा शहर में लाइटें और सीसीटीवी कैमरे
शिमला शहर में लाइटें और सीसीटीवी कैमरे हिम ऊर्जा द्वारा लगाए जाएंगे। शहर भर में करीब 200 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। हिमऊर्जा पहले सोलर लाइटें शहर में लगा रहा है। निगम के सदन में फैसला लिया गया कि लाइटों की तर्ज पर अब सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम भी हिमऊर्जा को दिया जाए। कहां सीसीटीवी कैमरे लगाने की जरूरत है इस पर निगम ने अब कसरत करना शुरू कर दिया है। विधि आयुक्त अनुमति लेने के बाद ही जा पाएंगे कोर्ट
नगर निगम शिमला के विधि आयुक्त को उच्च न्यायालय जाने के लिए निगम की अनुमति लेना आवश्यक होगा। विधि आयुक्त निगम की अनुमति के बगैर गाड़ी का इस्तेमाल भी नहीं कर पाएंगे। निगम के मासिक सदन में 24 पार्षदों ने यह प्रस्ताव लाया था। इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। पार्षदों के आरोप थे कि विधि आयुक्त निगम कार्यालय में आते ही नहीं हैं। यहां तक कि कई बार पहले इन पर मासिक सदन में न आने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। अब विधि आयुक्त को उच्च न्यायालय जाने के लिए ही गाड़ी मिलेगी और इसके लिए पहले नगर निगम की अनुमति लेना आवश्यक होगा। 90 फीसद उपस्थिति वाले सफाई कर्मचारियों को 4-9-14 का लाभ
नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को 4-9-14 का लाभ निगम देगा। इसके लिए नगर निगम ने शर्त रखी है कि यह लाभ सफाई कर्मचारियों को तभी मिल पाएगा जब इनकी 90 फीसद उपस्थिति रहेगी। इससे कम उपस्थिति वाले कर्मचारी को यह लाभ नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा निगम के सभी कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान मौत पर उसके स्वजनों को एक लाख रुपये राहत राशि प्रदान की जाएगी। पहले यह 25 हजार रुपये थी। कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत पर अंतिम संस्कार में जाने वाले कर्मचारियों को भी 50 लाख रुपये का बीमा कवर नगर निगम द्वारा प्रदान किया जाएगा।