डेंटल कॉलेज में पीपीई किट के साथ होगा इलाज
डेंटल कॉलेज में मरीजों का इलाज पीपीई किट पहन कर किया जाएगा।
रामेश्वरी ठाकुर, शिमला
राजधानी शिमला के डेंटल कॉलेज में अब मरीजों का इलाज पर्सनल प्रॉटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) के साथ होगा। कोरोना के खिलाफ एहतियात बरतते हुए अस्पताल प्रशासन ने दांत दर्द से परेशान मरीजों और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए यह फैसला लिया है। इसके लिए टेंडर मांगे गए हैं। चार फर्मो के आवेदन आए हैं। कॉलेज प्रशासन 500 पीपीई किट खरीदेगा।
पीपीई किट की गुणवत्ता को जांचने के लिए अलग व्यवस्था होगी, जहां अस्पताल के विभिन्न विभागों के अध्यक्ष पीपीई किट की गुणवत्ता जांचेंगे। विभागाध्यक्षों की सहमति के बाद ही पीपीई किट की खरीद की जाएगी। मौजूदा समय में डेंटल कॉलेज में इमरजेंसी सेवाएं जारी हैं। अस्पताल में दांत दर्द से परेशान मरीजों का इलाज जारी है। अस्पताल में कंजर्वेटिव डेंटिस्ट्री, ओरल सर्जरी और ओरल मेडिसिन विभाग की ओर से इमरजेंसी के मरीजों को सेवाएं दी जा रही हैं। कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए अस्पताल में मरीजों और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सतर्कता बरती जा रही है। आगामी समय में सभी मरीजों का इलाज पीपीई किट्स के साथ किया जाएगा। पीपीई किट खरीदने से पहले सभी विभागाध्यक्षों के साथ विचार-विमर्श किया जाना है। फिलहाल रूटीन ओपीडी बंद है। ओपीडी खोलने के आदेश के बाद दांतों से संबंधित रूटीन प्रोसिजर्स किए जाएंगे।
डॉ. आशु गुप्ता, डेंटल कॉलेज प्रधानाचार्य। गेट पर भरवाया जा रहा सेल्फ असेसमेंट फार्म
अस्पताल के गेट पर बाहर से आने वाले मरीजों से सेल्फ असेसमेंट फार्म भरवाया जा रहा है। कोरोना के खिलाफ सतर्कता बरतने के लिए मरीज के नाम-पते के साथ 15 दिन की ट्रैवल हिस्ट्री पूछी जा रही है। इसके लिए अस्पताल के गेट पर नर्सिग स्टाफ उपलब्ध है, जोकि मरीज की थर्मल स्क्रीनिंग के बाद सेल्फ असेसमेंट फार्म भरवा रहा है। रोजाना अस्पताल को पूरी तरह सैनिटाइज किया जा रहा है। आवाजाही करने वाले स्टाफ, मरीजों और तीमारदारों के हाथ भी सैनिटाइज किए जा रहे हैं। इसके अलावा इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का इलाज फेस शील्ड और विशेष चश्मे लगाकर किया जा रहा है। साथ ही डॉक्टर गाउन पहनकर मरीज का इलाज कर रहे हैं।