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गले मिलकर नहीं बधाई देकर मनाया ईद पर्व

रमजान को अलविदा करते हुए ईद उल फितर का त्योहार सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। शिमला में कोरोना संकट के दौरान मस्जिदों में जाने की अनुमति नहीं थी। इस कारण घर पर ही समुदाय के लोगों ने घर पर ही नमाज पढ़ी। समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को ईद उल फितर की बधाई दी। श्रद्धा और उल्लांस के इस पर्व को शिमला में शांति पूर्ण ढंग से मनाया गया। ईदगाह के प्रधान मोहमद इकबाल नदाफी ने बताया कि रोजा के महीने की समाप्ति की खुशी प्रकट करने के लिए यह पर्व मनाया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 07:01 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 06:11 AM (IST)
गले मिलकर नहीं बधाई देकर मनाया ईद पर्व
गले मिलकर नहीं बधाई देकर मनाया ईद पर्व

जागरण संवाददाता, शिमला : रमजान को अलविदा करते हुए ईद पर्व शिमला में गले मिलकर नहीं बधाई देकर मनाया गया। शिमला में कोरोना संकट के दौरान मस्जिदों में जाने की अनुमति नहीं थी। इस कारण घर पर ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नमाज पढ़ी। समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को ईद उल फितर की बधाई दी। श्रद्धा और उल्लास के इस पर्व को शिमला में शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया। ईदगाह के प्रधान मोहमद इकबाल नदाफी ने बताया कि रोजा के महीने की समाप्ति की खुशी प्रकट करने के लिए यह पर्व मनाया जाता है। इस अवसर पर मीठे पकवान, सेवियां भी बनाए गए। जहमियत ओलामा हिमाचल, पंजाब व हरियाणा के उप प्रधान मोलाना मुम्मताज अहमद कास्मी ने बताया कि ईद त्याग की भावना का प्रतीक है और यह खुशिया बाटने का अवसर है। जिस कारण इसे मीठी ईद भी कहा जाता है। इस पर्व को त्याग के साथ समुदाय के लोगों ने मनाया है।

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