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विदेशों में फंसे नाविकों को पहुंचाएंगे घर

हिमाचल नाविक एसोसिएशन के बैनर तले नेशनल शिपिग बोर्ड के सदस्य इंटरनेशनल मैरीटाइम फेडेरेशन के अध्यक्ष एवं हिमाचल नाविक एसोसिएशन के संस्थापक सदस्य कैप्टन संजय पराशर की अध्यक्षता में वेबिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 07:49 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 07:49 PM (IST)
विदेशों में फंसे नाविकों को पहुंचाएंगे घर
विदेशों में फंसे नाविकों को पहुंचाएंगे घर

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल नाविक एसोसिएशन के बैनर तले नेशनल शिपिग बोर्ड के सदस्य व हिमाचल नाविक एसोसिएशन के संस्थापक सदस्य कैप्टन संजय पराशर की अध्यक्षता में रविवार को वेबिनार का आयोजन किया। कैप्टन संजय पराशर इंटरनेशनल मैरीटाइम फेडेरेशन के अध्यक्ष भी हैं। इसमें सिंगापुर स्थित एमएमएसआइ के निदेशक कैप्टन पंकज सूद नाविकों के लिए मददगार साबित हुए। उन्होंने हिमाचली युवाओं से मर्चेट नेवी में पेश आ रही परेशानियों के निवारण के लिए संपर्क में रहने की सलाह दी। भारतीय नाविकों को वापस लाएंगे।

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कैप्टन संजय पराशर ने कहा कि वेबिनार का उद्देश्य नाविकों के साइन ऑन एवं साइन ऑफ की परेशानियों का समाधान करने सहित सरकार तक पहुंचाना था। इसमें करीब 100 नाविकों ने भाग लिया, जबकि इतनी ही संख्या में नाविकों ने वेबिनार के ऑनलाइन फेसबुक पेज पर समस्याओं का समाधान पाया। नाविकों ने चिंता जताई है कि देश में नाविकों के लिए कोई चार्टड फ्लाइट अभी तक चली नहीं है। कोविड-19 के चलते सात से दस हजार नाविकों की नौकरी जा सकती है। इसके पीछे कारण ये है कि दूसरे देशों में साइन ऑन शुरू हो चुका है। अनुमान यह भी है कि डिलीवरी यार्ड में ही अकेले डेढ़ हजार नौकरियां जा सकती हैं। इस तरह की समस्याओं के दृष्टिगत नाविकों की नौकरियों को सुरक्षित करने के लिए केंद्र सरकार पुख्ता प्रबंध करे।

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नाविकों के सवाल

विशाल पठानिया ने अपने भाई के सिंगापुर में होने की जानकारी दी। चंडीगढ़ के राघव सूद, जवाली कांगड़ा से अमन कुमार व नवीन ने सवाल किया है कि जहाज छोड़ने के बाद हम घर पहुंच पाएंगे। जिन जहाजों पर नाविकों की आवश्यकता है क्या सरकार हवाई उड़ानें शुरू करेगी। कैप्टन पंकज सूद ने कहा कि प्रयास किए जा रहे हैं कि समाधान निकले। उन्होंने बताया कि नाविकों के लिए विदेश मंत्रालय एवं नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से अनुमोदन प्राप्त करने के लिए तीन सप्ताह तक संघर्ष के बाद आखिरकार बेंगलुरु के लिए स्पाइस जेट की उड़ान में कामयाब रहे हैं। कोलंबो में 50 भारतीय नाविक हैं। उनका प्राधिकरण केवल निकासी उड़ानों के लिए हस्ताक्षर करने की सीमा रखता है, जो भारतीय नाविक दूसरे देशों में अटके हुए हैं उनको घर वापस लाएंगे। इसके तहत बेंगलुरु से कोलंबो के लिए 19 मई को ऑपरेशन अंजाम दिया गया।

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13 को हुआ था पहला वेबिनार

13 मई को आयोजित वेबिनार में केंद्रीय जहाजरानी मंत्री मनसुख एल मांडविया सहित डीजी शिपिग अमिताभ कुमार व डॉ. कैप्टन डेनियल जे जोसेफ ने नाविकों की समस्याएं सुनी थी।


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