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नियामक आयोग के पास नहीं निजी विवि की डिग्रियों का रिकॉर्ड

हिमाचल में चल रहे निजी विश्वविद्यालयों ने कितने छात्रो को डिग्रियां बांटी है इसका कोई भी रिकार्ड आयोग के पास नहीं है। न तो निजी विवि ने आयोग को आज तक डिग्रियों का रिकार्ड सौंपा। न ही आयोग ने खुद अपने स्तर पर ये रिकार्ड तैयार किया है। डिग्रियों में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद आयोग ने जांच शुरू की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 06:40 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 06:21 AM (IST)
नियामक आयोग के पास नहीं निजी विवि की डिग्रियों का रिकॉर्ड
नियामक आयोग के पास नहीं निजी विवि की डिग्रियों का रिकॉर्ड

जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल के निजी विश्वविद्यालयों ने कितनी डिग्रियां बांटी हैं। इसका निजी शिक्षा नियामक आयोग के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। न तो निजी विवि ने आयोग को डिग्रियों का रिकॉर्ड सौंपा है और न ही आयोग ने अपने स्तर पर रिकॉर्ड तैयार किया है।

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प्रदेश में दो निजी विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्री पाए जाने का मामला सामने आने के बाद आयोग ने जांच शुरू की। इसके बाद पता चला कि आयोग के पास ऐसा रिकॉर्ड ही नहीं है। पहले रहे चेयरमैन, सदस्य और प्रशासनिक अधिकारियों ने इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया। इससे आयोग की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में आ गई है। फर्जीवाड़े के बाद आयोग ने भी अब निजी विवि पर शिकंजा कस दिया है।

आयोग ने दो निजी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को रिकॉर्ड के साथ तलब किया है। इन्हें कहा गया है कि स्थापना से लेकर अभी तक कितने विद्यार्थियों को डिग्रियां बांटी गई हैं इसका पूरा रिकॉर्ड तैयार करके लाएं। इसमें यह भी देखा जाएगा कि कितने छात्रों ने बीच में ही डिग्री छोड़ दी थी। इस रिकॉर्ड को दाखिले के रिकॉर्ड के साथ सत्यापित किया जाएगा। अन्य निजी विवि को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने रिकॉर्ड को जल्द आयोग के कार्यालय में दें।

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नई शर्त लगाने की तैयारी

आयोग सभी निजी विश्वविद्यालयों पर नई शर्त लगाने जा रहा है। इसके तहत हर साल दीक्षा समारोह से पहले प्रकाशित करवाना होगा कि विवि से कितने विद्यार्थी पासआउट हुए हैं। कितनी डिग्रियां बांटी जानी है। दीक्षा समारोह से पहले डिग्रियों का ब्योरा देने के निर्देश पहले ही आयोग निजी विश्वविद्यालयों को जारी कर चुका है।

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दो निजी विवि के खिलाफ चल रही जांच

प्रदेश के दो निजी विश्वविद्यालयों पर फर्जी डिग्रियां देने का आरोप है। इसको लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को शिकायत भेजी है। यूजीसी ने प्रदेश सरकार को इस मामले को लेकर पत्र लिखा है। यूजीसी से मिले पत्र के बाद नियामक आयोग ने इन विश्वविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डीजीपी को पत्र लिखा है।

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निजी विश्वविद्यालयों के दाखिले का रिकॉर्ड आयोग के पास है। कितने विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गई और कितने पासआउट हुए इसका कोई रिकॉर्ड आयोग के पास नहीं है। अब डिग्रियों का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। निजी विवि को रिकॉर्ड जमा करवाने के निर्देश दिए गए हैं।

-एसपी कत्याल, सदस्य निजी शिक्षा नियामक आयोग।


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