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पटवारी भर्ती मामले में अब दूसरे चरण की जांच होगी

पटवारी भर्ती मामेले की जांच कर रही सीबीआइ टीम शिमला लौट आए हैं। इस टीम ने एक सप्ताह से ज्यादा समय तक कांगड़ा में अस्थायी कैंप डाला था। अब दूसरे चरण की प्रारंभिक जांच होगी। जिलों से वांछित रिकॉर्ड यहीं तलब किया जाएगा। अभ्यर्थियों से पूछताछ का सिलसिला अब यहां चलेगा। विभाग के अधिकारियों से भी पूछताछ संभव है। परीक्षा भर्ती कही लिखित परीक्षा पिछले साल 17 नंवबर को आयोजित की गई थी। परीक्षा में करीब पौने तीन लाख अभ्यर्थी बैठे थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 08:49 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 06:22 AM (IST)
पटवारी भर्ती मामले में अब
दूसरे चरण की जांच होगी
पटवारी भर्ती मामले में अब दूसरे चरण की जांच होगी

राज्य ब्यूरो, शिमला : पटवारी भर्ती मामले की जांच कर रही सीबीआइ टीम शिमला लौट आए है। इस टीम ने एक सप्ताह से ज्यादा समय तक कांगड़ा में अस्थायी कैंप बनाया था। अब दूसरे चरण की प्रारंभिक जांच होगी। जिलों से वांछित रिकॉर्ड शिमला मंगवाया जाएगा। अभ्यर्थियों से पूछताछ का सिलसिला अब शिमला में चलेगा। विभाग के अधिकारियों से भी पूछताछ संभव है।

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पटवारी भर्ती की लिखित परीक्षा पिछले साल 17 नंवबर को हुई थी। परीक्षा में करीब पौने तीन लाख अभ्यर्थी बैठे थे। परीक्षा में 150 प्रश्न पूछे गए थे। परीक्षा के दिन पहले प्रश्नपत्र बांटने में ही देरी हुई थी। उसके बाद प्रश्नपत्र पर भी सवाल उठे थे। हाईकोर्ट में दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि परीक्षा केंद्रों में बदइंतजामी के कारण सैकड़ों परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए। कई परीक्षार्थियों को गलत परीक्षा केंद्र देने, दो-दो परीक्षार्थियों को एक ही रोल नंबर देने, प्रश्नपत्र बांटने में देरी जैसी घटनाएं होने से परीक्षा में गड़बड़ियां होने के आरोप लगे हैं।

पटवारी भर्ती 1194 पदों के लिए होनी थी। इस परीक्षा में दो अन्य परीक्षाओं से 55 प्रश्न आए थे। लेक्चरर के स्कूल काडर की हिदी की परीक्षा में जिला भाषा अधिकारी की परीक्षा से सवाल आए थे। लोक सेवा आयोग ने शिकायत के आधार पर यह परीक्षा रद कर दी थी लेकिन पटवारी भर्ती पर अब तक रोक नहीं लगी है। बजट सत्र में उठ सकता है मामला

राजस्व विभाग में पटवारी भर्ती का मामला बजट सत्र में उठ सकता है। विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक इस मामले में सरकार की घेराबंदी कर सकते हैं। हालांकि सत्ता पक्ष सीबीआइ जांच का हवाला देकर विपक्ष के आरोपों की धार को कुंद करने की रणनीति बना रहा है।


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