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बिना शक्तियां लोकायुक्त की सचिव ने अवकाश पर भेजा स्टाफ

लोकायुक्त की सचिव एवं वरिष्ठ आइएएस अधिकारी ने बिना पावर के स्टाफ को लंबे अवकाश पर भेज दिया है। ऐसा विटर वेकेशन के नाम पर किया गया है। केवल कार्यालय आदेश से ही 34 में से 32 कर्मचारियों को 22 दिन के लिए अवकाश दिया है। इससे कार्यालय का सामान्य कामकाज पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। सूत्रों के अनुसार इसकी सूचना राजभवन मुख्यमंत्री कार्यालय और प्रधान सचिव गृह को नहीं दी गई। लोकायुक्त को भी खुद अवकाश राजभवन से स्वीकृति करवाना होता है। प्रशासनिक अधिकारी गृह सचिव हैं उन्हें भी विश्वास में नहीं लिया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय तक को सूचना देना उचित नहीं समझा गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 06:28 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 06:28 PM (IST)
बिना शक्तियां लोकायुक्त की सचिव ने अवकाश पर भेजा स्टाफ
बिना शक्तियां लोकायुक्त की सचिव ने अवकाश पर भेजा स्टाफ

रमेश सिंगटा, शिमला

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लोकायुक्त की सचिव एवं वरिष्ठ आइएएस अधिकारी ने बिना शक्तियों के स्टाफ को लंबे अवकाश पर भेज दिया है। ऐसा विटर वेकेशन के नाम पर किया गया है। केवल कार्यालय आदेश से ही 34 में से 32 कर्मचारियों को 22 दिन के लिए अवकाश दे दिया। सूत्रों के अनुसार अवकाश की सूचना राजभवन, मुख्यमंत्री कार्यालय और प्रधान सचिव गृह को नहीं दी गई है।

लोकायुक्त को भी अवकाश राजभवन से स्वीकृत करवाना होता है। प्रशासनिक अधिकारी गृह सचिव हैं, उन्हें भी विश्वास में नहीं लिया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय तक को सूचना देना उचित नहीं समझा गया। हिमाचल में तीन साल से लोकायुक्त का पद रिक्त होने से उनके कार्यालय में कामकाज नाममात्र है। सचिव ने शिमला स्थित लोकायुक्त कार्यालय के रजिस्ट्रार व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के स्टाफ को अवकाश दे दिया। ऐसे में कार्यालय में तालाबंदी की नौबत आ गई है। वहां केवल सचिव हैं। रजिस्ट्रार चूंकि जिला एवं सत्र न्यायाधीश रैंक के हैं, इस कारण वह हाईकोर्ट की अनुमति से अधिकृत अवकाश पर हैं। एएसपी भी मेडिकल लीव पर हैं। नए एक्ट में सारी शक्ति लोकायुक्त के पास निहित है। स्टाफ को लंबा अवकाश केवल लोकायुक्त ही दे सकते हैं। लोकायुक्त कार्यालय में अवकाश के मामले में हाईकोर्ट के नियमों का अनुसरण होता है। कोर्ट में अवकाश फुल कोर्ट तय करता है। इसे चीफ जस्टिस की ओर से अधिसूचित किया जाता है। शिकायतों की जांच, नोटिस व समन जारी करने का अधिकार नहीं

एक्ट के अनुसार सचिव लोकायुक्त की शक्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। लोकायुक्त के अभाव में सचिव के पास भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों की जांच और नोटिस व समन जारी करने का अधिकार नहीं है। शिकायत रजिस्टर में दर्ज होगी। सचिव के पास वित्तीय और न्यायिक शक्तियां भी नहीं हैं।

-------- मैं कायदे कानून से बाहर जाने वाली नहीं हूं। स्टाफ को अवकाश पर नियमों के तहत भेजा है। लोकायुक्त नहीं होंगे तो क्या कर्मियों का हक छीन लेंगे? एएसपी ने अवकाश मांगा था। उन्हें नहीं मिल सकता था क्योंकि वह मानवाधिकार आयोग के अधिकारी हैं, हमारे यहां तो अतिरिक्त कार्यभार है।

मधुबाला, सचिव, लोकायुक्त

--------- एक्ट में सारी शक्ति लोकायुक्त के पास हैं। लोकायुक्त अगर सचिव को शक्तियों का हस्तांतरण करेंगे तभी वह स्टाफ को अवकाश पर भेज सकेंगे। मेरे कार्यकाल में भ्रष्टाचार से जुड़ी करीब 20 शिकायतें आई थीं। सरकार को नए लोकायुक्त की नियुक्ति जल्द करनी चाहिए।

एलएस पांटा, पूर्व लोकायुक्त, हिमाचल प्रदेश

--------- मैं चिकित्सा अवकाश पर हूं। स्टाफ के अवकाश पर टिप्पणी नहीं कर सकता।

भूपेंद्र नेगी, एएसपी, लोकायुक्त


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