नौकरियों में सुरक्षित रहेंगे हिमाचल के हित
हिमाचल में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों की नौकरियों में अब हिमाचली हित सुरक्षित रहेंगे।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों की नौकरियों में अब हिमाचली हित सुरक्षित रहेंगे। ताजा फैसले के मुताबिक तृतीय श्रेणी के पदों के लिए 10वीं और जमा दो कक्षा व चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए 8वीं, 10वीं की परीक्षा हिमाचल के स्कूलों से पास करना अनिवार्य बनाया है। पंद्रह अंकों के मूल्यांकन में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया है। इस संबंध में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में तीन माह में दूसरी बार फैसला लेना पड़ा है।
पहले अधिसूचना जारी नहीं हो पाई थी। यह मामला भी बैठक में चर्चा में आया और तय हुआ कि इसकी कार्मिक विभाग अधिसूचना जारी करेगा। हालांकि बड़ा सवाल यह है कि अगर पहले वाला निर्णय लागू हुआ तो स्कूल लेक्चरर भर्ती पर विवाद न होता और न ही इसमें गैर हिमाचलियों के लिए नौकरियों के दरवाजे खुलते। सूत्रों के अनुसार सरकार लोक सेवा आयोग के विज्ञापन पर कोई रोक नहीं लगाएगी। नई व्यवस्था उस दिन से लागू मानी जाएगी, जब अधिसूचना जारी होगी। यानी नौकरशाही की सुस्त रफ्तार का खामियाजा हिमाचल के शिक्षित बेरोजगारों को भुगतना पड़ेगा। यह मामला मंत्रिमंडल में भी न आता अगर मीडिया इसे जोर-शोर से न उछालता। लेक्चरर भर्ती मामले को सबसे पहले दैनिक जागरण ने उठाया था।
हिमाचल में अब गैर हिमाचली भी स्कूल काडर के लेक्चरर (प्रवक्ता) बन सकेंगे, जबकि यह पद क्लास थ्री नॉन गजटेड का है। इनकी भर्ती लोक सेवा आयोग के माध्यम से होगी। 396 पदों के लिए हो रही यह भर्ती विवादों के घेरे में आ गई थी। इससे पहले राज्य सचिवालय में तृतीय श्रेणी के बाबुओं (लिपिकों) की भर्ती पर खासा बवाल मचा था। चौतरफा विरोध के बाद सरकार को कैबिनेट बैठक में भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संशोधन करना पड़ा था। लेकिन तीन माह पहले हुए कैबिनेट फैसले की सरकार अधिसूचना जारी नहीं कर पाई। इसका खामियाजा हिमाचल के शिक्षित युवा भुगतेंगे। ----------------
मंत्रिमंडल बैठक में वही फैसला हुआ, जो पहले भी हुआ था। अधिसूचना जारी नहीं हो पाई थी। इस कारण मामले को दोबारा से बैठक में लाया गया। बाकी किसी भी तरह का संशोधन या बदलाव नहीं किया गया है। मूल्यांकन में पहले वाली व्यवस्था कायम रहेगी।
आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव, कार्मिक विभाग।