सायरी पंचायत में साढ़े छह लाख रुपये का गड़बड़झाला
सोलन के सायरी पंचायत में साढ़े छह लाख का गड़बड़झाला सामने आया है। मामला 2011- 12 और 2012-13 का है। आरोप है कि तत्कालीन पंचायत प्रधान और पंचायत सचिव ने मनरेगा समेत दूसरे फंड में धांधलियां बरती। धांधलियों से जुड़े आरोपो की प्रारंभिक जांच विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने की। इस जांच में आरोप सही साबित हुए हैं। अब इसके आधार पर विजिलेंस ने अपने सोलन थाने में एफआइआर दर्ज की है। साउथ रेंज के एसपी(विजिलेंस) वीरेंद्र शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। विजिलेंस के पास सायरी पंचायत में वित्तीय अनियमितताएं बरतने की शिकायत आई। इसमें आरोप लगाए गए कि इस पंचायत में मनरेगा कार्यों दूसरे फंडों का दुरूपयोग
राज्य ब्यूरो, शिमला : सोलन की सायरी पंचायत में साढ़े छह लाख रुपये का गड़बड़झाला सामने आया है। वर्ष 2011-12 और 2012-13 के इस मामले में आरोप है कि तत्कालीन पंचायत प्रधान और पंचायत सचिव ने मनरेगा समेत दूसरे फंड में धांधलियां बरती थीं। इन आरोपों की प्रारंभिक जांच विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने की। जांच में आरोप सही साबित हुए हैं। इसके आधार पर विजिलेंस ने सोलन थाने में एफआइआर दर्ज की है।
विजिलेंस के पास सायरी पंचायत में वित्तीय अनियमितताएं बरतने की शिकायत आई थी। इसमें आरोप लगाए गए कि सायरी पंचायत में मनरेगा कार्यो व दूसरे फंडों का दुरुपयोग किया गया है। मस्टररोल में फर्जीवाड़ा करने का भी आरोप था। आरोपों के घेरे में तत्कालीन प्रधान और सचिव रहे। जांच एजेंसी ने शिकायत पत्र की प्रारंभिक जांच करवाई। इसमें आरोपों में सच्चाई पाई गई। इसके मुताबिक मनरेगा के कार्यो में व्यापक वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं। पंचायत रिकॉर्ड को बारीकी से जांचा गया। यह पाया गया कि छह लाख 53,875 रुपये का गड़बड़झाला हुआ है। इस मामले में तत्कालीन पंचायत प्रधान व सचिव पर कार्रवाई होगी। साउथ रेंज के एसपी (विजिलेंस) वीरेंद्र शर्मा ने मामले की पुष्टि की है। विजिलेंस एफआइआर के आधार पर आरोपितों की जल्द गिरफ्तारी कर सकती है। अब पंचायत से कुछ और रिकॉर्ड भी मांगा जाएगा।