हिमाचल के 27वें राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने ली पद व गोपनीयता की शपथ
हिमाचल के 27वें राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को शिमला के राजभवन में पद व गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।
शिमला, राज्य ब्यूरो। शिमला में बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने हिमाचल के 27वें राज्यपाल के तौर पर शपथ ली। हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलायी। शपथ ग्रहण करने के बाद राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपना एजेंडा तय करते हुए कहा कि वह उत्तर को दक्षिण के साथ जोड़ेंगे। पर्यटन को बढ़ावा देना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी क्योंकि पर्यटन बढ़ेगा तो रोजगार भी बढ़ेगा। इस मामले में हिमाचल सरकार के साथ-साथ तेलंगाना सरकार से भी विचार विमर्श करेंगे। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय मंगलवार सायं शिमला पहुंच गये थे। बुधवार को सुबह 11 बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया।
मंगलवार को सायं छह बजे राजभवन पहुंचे बंडारू दत्तात्रेय व उनकी पत्नी वसंथा का मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वागत किया। शपथ ग्रहण समारोह में 300 से अधिक मेहमानों के शामिल होने की संभावना है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश से बाहर से आने वाले मेहमानों की संख्या 200 से अधिक है। इन अतिथियों को हिमाचली व्यंजनों के अलावा साउथ इंडियन डिश परोसी जाएंगी। राजभवन में नए राज्यपाल के स्वागत के लिए संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज, मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, नगर निगम महापौर कुसुम सदरेट सहित जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।
गौरतलब है कि पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र के शनिवार को राजस्थान के लिए रवाना होने के बाद राजभवन ने नए राज्यपाल के स्वागत की तैयारियां शुरू कर दी थीं। बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह के साथ मेहमानों के ठहरने की भी व्यवस्था की जा रही है। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, मंत्रिमंडल के सदस्य, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहेंगे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का जीवन परिचय
आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में 26 फरवरी, 1947 को जन्में बंडारू दत्तात्रेय को आमतौर पर दत्तन्ना कहा जाता था। उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद आंध्र प्रदेश से बीएससी की डिग्री ले रखी है।1965 में दत्तात्रेय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हो गए थे। उन्होंने 1968 से 1989 तक आरएसएस प्रचारक के रूप में काम किया। वह लोक संघ समिति (जयप्रकाश नारायण आंदोलन) के संयुक्त सचिव थे। आपातकाल के दौरान वे जेल भी गये। 1980 में वे भाजपा में शामिल हो गए थे।
5 मार्च 2018 को दत्तात्रेय हैदराबाद विश्वविद्यालय के न्यायालय के सदस्य बने। 1 सितंबर, 2017 को वह वित्त पर स्थायी समिति के सदस्य बने। 2014 से 2017 तक मोदी सरकार में वे केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्रम और रोजगार रहे । वे बीजेपी की राष्ट्रीय घोषणा पत्र समिति के सदस्य भी रह चुके हैं।
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