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आइजीएमसी में बच्चे की मौत पर परिजनों का हंगामा

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आइजीएमसी में सोमवार को शिलाई के 11 साल के बच्चे अनुज की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आपातकालीन कक्ष से बच्चे से शव को नहीं उठाया और बाहर धरना देना शुरू कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 08:12 PM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 06:41 AM (IST)
आइजीएमसी में बच्चे की 
मौत पर परिजनों का हंगामा
आइजीएमसी में बच्चे की मौत पर परिजनों का हंगामा

जागकण संवाददाता, शिमला : इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में सोमवार को शिलाई के 11 वर्षीय बच्चे अनुज की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आपातकालीन कक्ष से बच्चे के शव को नहीं उठाया और धरना देना शुरू कर दिया। अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन परिजन मानने के लिए तैयार नहीं थे कि जो बच्चा सुबह खुद पैदल चल कर अस्पताल पहुंचा हो, उसकी मृत्यु हो जाए। अनुज के पिता फकीर चंद ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही के चलते बच्चे की मौत हुई है, हालांकि डॉक्टरों का दावा है कि बच्चे के सिर में क्लाटिक होने के कारण मृत्यु हुई है। परिजनों के मुताबिक बच्चे को चार सितंबर को शिलाई में कबड्डी खेलते हुए सिर में चोट लगी थी। बच्चे को पांवटा अस्पताल में सिर में टांके लगे। इसके बाद बच्चा ठीक था लेकिन दो दिन से बच्चे के सिर में दर्द होना शुरू हुआ। बच्चे को लेकर इलाज के लिए परिजन सोमवार को आइजीएमसी पहुंचे। आइजीएमसी में बच्चे का उपचार चल रहा था। परिजनों का आरोप है कि बच्चा गंभीर बीमारी से जूझ रहा था तो रविवार को दवा देकर वापस क्यों भेज दिया। पहले ही इलाज शुरू कर देते तो बच्चा बच सकता था। उन्होंने आरोप लगाया कि जब बच्चा खुद पैदल चल कर पहुंचा तो ऐसे में मृत्यु होना संभव नहीं था। इसके बाद अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों के साथ परिजनों की काफी समय तक वार्ता हुई तो वे पोस्टमाटर्म के लिए तैयार हुए।

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बच्चे की मौत मामले की जांच करेंगे। पोस्टमाटर्म के पता करेंगे कि मौत के क्या कारण रहे हैं। परिजनों ने शिकायत दी है।

-डॉ. जनकराज, वरिष्ठ चिकित्सक, आइजीएमसी, शिमला।


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