जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं लोग
शहर या प्रदेश में जब भी कोई बड़ा हादसा होता है। कुछ दिनों तक पुलिस और परिवहन विभाग बहुत सक्रिय दिखाई देता है। कुल्लू के बंजार में हुए बस हादसे के बाद सरकार व पुलिस ने
जागरण संवाददाता, शिमला : शहर या प्रदेश में जब भी कोई बड़ा हादसा होता है तो कुछ दिनों तक पुलिस और परिवहन विभाग बहुत सक्रिय दिखाई देते हैं। कुल्लू के बंजार में हुए बस हादसे के बाद सरकार व पुलिस ने ओवरलोडिग के खिलाफ जंग छेड़ दी थी। भारी संख्या में प्रदेश में बसों के चालान किए गए। कुछ समय तक तो निजी बस चालकों ने चालान के डर के चलते बसों में कम सवारी ले जानी शुरू कर दी। अब फिर से बस में ओवरलोडिग शुरू हो गई है। ओल्ड बस स्टैंड से पंथाघाटी ,संजौली, छोटा शिमला जाने वाली बसें ओवरलोड जा रही है। लक्कड़ बाजार से भराड़ी कुफ्टाधार, भौंट सहित सभी ग्रामीण क्षेत्रों में जाने वाली बसों का भी कुछ ऐसा ही हाल है। सुबह व शाम के समय बसे पूरी तरह से भरी होती हैं। कई ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों के हालात खराब है। बसों की कमी होने के कारण न चाहते हुए भी यात्री ओवरलोडेड बसों में सफर करने के लिए मजबूर है। ऐसे में किसी बड़े हादसे की संभावना बनी रहती है। कुछ दिन चालान करने के बाद पुलिस व परिवहन विभाग चुप बैठ गया है। ओवरलोडिग के खिलाफ कोई कार्रवाई न होते देख निजी बस चालकों ने अपनी मनमानी फिर से शुरू कर दी है। कुल्लू में हुए बस हादसे कितने दिन बाद भी सरकार द्वारा ओवरलोडिग को रोकने के लिए बसों का प्रावधान नहीं किया जा रहा है। कई ग्रामीण क्षेत्र केवल सरकारी बसों के भरोसे ही हैं। ओवरलोडिग को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा अन्य बसों को लगाने की बात की गई थी, परंतु सरकार केवल पब्लिक को आश्वासन ही देती है। डीसी शिमला अमित कश्यप ने कहा कि शहर ही नहीं बल्कि गांव में भी ओवरलोडिग रोकने के लिए नए रूट आवंटित किए जा रहे हैं। इसके लिए सभी एसडीएम से डिटेल मांग ली है।